बैट के लिए मां ने बेचे थे गहने, बेटे ने जड़ दिया सबसे तेज शतक, जानें कौन हैं बिहार के कप्तान सकीबुल गनी

बैट के लिए मां ने बेचे थे गहने, बेटे ने जड़ दिया सबसे तेज शतक, जानें कौन हैं बिहार के कप्तान सकीबुल गनी

Sakibul Gani, Vijay Hazare Trophy 2025-26: विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 का आगाज हो चुका है। इसके पहले ही दिन ढेरों रिकॉर्ड देखें को मिले। बिहार की टीम ने वनडे क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा करते हुए 574 रन बनाए। टीम के कप्तान सकीबुल गनी की ताबड़तोड़ शतकीय पारी ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। गनी ने मात्र 32 गेंद पर शतक ठोका, यह इन टूर्नामेंट के इतिहास का सबसे तेज शतक है।

सकीबुल गनी ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ केवल 40 गेंदों में नाबाद 128 रन बनाए। अपनी इस परी में उन्होंने 10 चौके और 12 छक्के ठोके। गनी लिस्ट ए के इतिहास में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय हैं। वहीं दुनिया में वो मैकगर्क और डिविलियर्स के बाद तीसरे खिलाड़ी हैं जिन्होंने सबसे तेज शतक लगाया है।

सकीबुल का संघर्ष

सकीबुल गनी का जन्म 2 सितंबर 1999 को बिहार के मोतिहारी जिले में हुआ था। उनका क्रिकेट सफर किसी बड़े क्रिकेटिंग सेंटर से नहीं, बल्कि एक छोटी-सी स्थानीय क्रिकेट एकेडमी से शुरू हुआ। इसी एकेडमी में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की बुनियाद मजबूत की। अंडर-19 टूर्नामेंटों में लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। सकीबुल दाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज हैं और साथ ही उपयोगी मध्यम तेज गेंदबाज भी।

डेब्यू मैच ही खेल दी ऐतिहासिक पारी

अंडर-19 स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के बाद उनका नाम रणजी ट्रॉफी में तेजी से उभरा। रणजी ट्रॉफी में डेब्यू मैच ही उनके जीवन का यादगार पल बन गया। मिजोरम के खिलाफ उस मैच में उन्होंने 341 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली। यह किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा प्रथम श्रेणी क्रिकेट के डेब्यू मैच में तिहरा शतक लगाने का अनोखा रिकॉर्ड था। इस पारी में उन्होंने 56 चौके और दो छक्के जड़े, जिससे उनकी असाधारण प्रतिभा पूरे देश के सामने आ गई।

मां ने अपने गहने गिरवी रखकर बेटे को बल्ला दिलाया

सकीबुल गनी का यह सफर बिल्कुल आसान नहीं रहा। एक समय उनकी परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी साधारण थी कि उनके पास नया बल्ला खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। ऐसे में उनकी मां ने अपने गहने गिरवी रखकर बेटे को बल्ला दिलाया। उनके बड़े भाई फैसल ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि जब सकीबुल पहली बार रणजी ट्रॉफी खेलने जा रहे थे, तब मां ने उन्हें तीन बैट दिए और कहा, “जाओ बेटा, तीन शतक लगाकर आना।” सकीबुल ने मैदान पर उतरकर मां का यह सपना सच कर दिखाया।

सकीबुल गनी ने का फ़र्स्ट क्लास करियर

अब तक सकीबुल गनी ने 28 प्रथम श्रेणी मैचों में 2035 रन बनाए हैं, जिनमें पांच शतक और आठ अर्धशतक शामिल हैं। वहीं लिस्ट-A क्रिकेट में वे 33 मैच खेल चुके हैं और 867 रन बना चुके हैं, जिसमें दो शतक तथा दो अर्धशतक हैं। उनकी यह यात्रा न केवल उनकी प्रतिभा की गवाही देती है, बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी सपनों को पूरा करने की प्रेरणा भी देती है।

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