गोरखपुर के आयुक्त सभागार में गुरुवार को अपर आयुक्त प्रशासन रामाश्रय की अध्यक्षता में यातायात व्यवस्था व सड़क सुरक्षा को लेकर बैठक हुई। बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए यातायात विभाग ने बताया कि सर्वाधिक दुर्घटनाएं शाम 6 से रात 8 बजे के बीच होती हैं। इसका कारण है कि इस समय सड़कों पर वाहनों की भीड़ अपेक्षाकृत अधिक होती है। रोशनी की भी कमी होती है और गाड़ियों को तेज गति से चलाना भी इसका प्रमुख कारण है। बैठक में तय किया गया कि इस समय विशेष गश्त के साथ ही यातायात नियंत्रित करने के उपाय किया जाना जरूरी है। बैठक में मंडल में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने, सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और ब्लैक स्पॉट्स पर प्रभावी कार्रवाई करने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। गोरखपुर में गीडा, सहजनवा, कालेसर, बोक्टा, दाना-पानी और मोतीराम अड्डा को अत्यंत संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया। ब्रेकर बनाना सड़क सुरक्षा मानकों के विपरीत दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र में स्थानीय लोग यह मांग कर रहे हैं कि इन स्थानों पर स्पीड ब्रेकर लगाया जाए। लेकिन ऐसा करना सड़क सुरक्षा मानकों के विपरीत है। बैठक में इस बात को लेकर विस्तार से चर्चा की गई और इसका विकल्प अपनाने पर जोर दिया गया। तय हुआ कि यहां रंबल स्ट्रिप्स, चेतावनी संकेत, स्ट्रीट लाइटिंग और पुलिस सक्रियता बढ़ाने पर जोर दिया जाए। कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज के ब्लैक स्पॉट्स पर भी चर्चा
गोरखपुर के साथ ही मंडल के अन्य जिलों कुशीनगर, देवरिया व महराजबंज के ब्लैक स्पॉट्स पर भी चर्चा की गई। महराजगंज-ठूठीबारी मार्ग को विशेष रूप से संवेदनशील बताया गया है। यहां निर्माण कार्य के कारण दुर्घटना का जोखिम बढ़ गया है। कार्यदायी संस्था ने 6 महीने में सड़क निर्माण पूरा करने का आश्वासन दिया है।
अपर आयुक्त ने कहा कि सड़क निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन कराया जाए। जहां अंधे मोड़ हों, वहां चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। ब्लैक स्पॉट पर त्वरित सुधार हो और संवेदनशील समय में ट्रैफिक पुलिस विशेष निगरानी करे। बैठक में एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह, एसपी ट्रैफिक राजकुमार पांडेय, अपर नगर आयुक्त अतुल कुमार, संभागीय परिवहन अधिकारी, एनएचएआई के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।


