दतिया में न्यू कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में जिले भर से सैकड़ों फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। जनसुनवाई की अध्यक्षता कलेक्टर स्वप्निल बानखेड़े ने की। कलेक्टर ने प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को त्वरित निराकरण के स्पष्ट निर्देश दिए। जनसुनवाई में सबसे अधिक शिकायतें राजस्व विभाग से जुड़ी सामने आईं। नामांतरण, बंटवारा, सहखातेदारी, शासकीय भूमि पर अतिक्रमण और पटवारी की कथित मिलीभगत से जुड़े कई गंभीर मामले रखे गए। ग्राम डगरई निवासी लक्ष्मी सहित अन्य वारिसानों ने शिकायत दर्ज कराई कि मृत मलखान के नाम दर्ज भूमि का नामांतरण तहसीलदार द्वारा 21 नवंबर को गलत आधार पर खारिज कर दिया गया। आवेदिका ने आरोप लगाया कि पटवारी द्वारा जानबूझकर त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट दी गई, जिससे एक गरीब विधवा महिला को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कलेक्टर ने प्रकरण का पुनः अवलोकन कर नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए। सहखातेदारी भूमि के षड्यंत्रपूर्वक बंटवारे का आरोप
ग्राम ठकुरपुरा ( बसई) की कृषक साबो प्रजापति ने शिकायत की कि सहखातेदार प्रभावशाली लोग हल्का पटवारी से साठगांठ कर उनके हिस्से के निजी कुएं को बंटवारे में हड़पने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने बिना सुने किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करने की मांग की। कलेक्टर ने नायब तहसीलदार बसई को आवेदिका का पक्ष सुने बिना कोई निर्णय न लेने के निर्देश दिए। पुराने भूमि बंटन प्रकरण में जांच के निर्देश
एक अन्य प्रकरण में आयुक्त ग्वालियर संभाग के वर्ष 2005 के निगरानी आदेश के पालन को लेकर शिकायत की गई। आवेदकों ने कहा कि शासन द्वारा हरिजन वर्ग को आवंटित भूमि के बंटन में कोई अवैधानिकता नहीं है। कलेक्टर ने नायब तहसीलदार बड़ेरा, तहसील भांडेर को जांच कर नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का मामला
दतिया गिर्द के सर्वे नंबर 2460 स्थित शासकीय भूमि पर अवैध दुकान निर्माण की शिकायत भी जनसुनवाई में रखी गई। आवेदिका ने आरोप लगाया कि बस स्टैंड के सामने लंबे समय से अतिक्रमण बना हुआ है,लेकिन अब तक बेदखली की कार्रवाई नहीं हुई। कलेक्टर ने स्थल निरीक्षण, सीमांकन और पंचनामा कराकर आवश्यक कार्यवाही के आदेश दिए। कलेक्टर स्वप्निल बानखेड़े ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनसुनवाई में प्राप्त सभी शिकायतों का समय-सीमा में निष्पक्ष और पारदर्शी निराकरण किया जाए। लापरवाही या जानबूझकर की गई देरी को गंभीरता से लिया जाएगा।


