भास्कर न्यूज| महासमुंद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महासमुंद के तत्वावधान में महारानी लक्ष्मीबाई की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को मिशन साहसी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महासमुंद के समीपस्थ ग्राम खैरा स्थित आदिवासी कन्या छात्रावास में करीब 50 से अधिक छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। मिशन साहसी विद्यार्थी परिषद के तत्वावधान में हर साल देश भर के प्रत्येक विद्यालय मजबूती महाविद्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसमें बहनों को आत्मरक्षा का गुण सिखाया जाता है। इससे वे हर मुश्किल घड़ी में उपयोग करके अपनी आत्म रक्षा करने में सक्षम हो और अपने आप को सुदृढ़ कर सकें। कहीं भी निडर होकर अपना कार्य कर सकें। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एबीवीपी राजिम विभाग संयोजक अभिषेक पांडे ने छात्राओं को मिशन साहसी के बारे में बताते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की एक पहल है, जिसका उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। इसके लिए उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे निडर होकर अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकें और किसी भी तरह के अपराध का सामना कर सकें। यह सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त बनाने का एक अभियान है, जिसे पूरे भारत में चलाया जा रहा है। मिशन साहसी के माध्यम से एबीवीपी विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में पहुंच छात्राओं को आत्म रक्षा के लिए प्रशिक्षण देकर विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की साहस पैदा करना है। देश की बहनों को झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की तरह पराक्रम, निडर और साहस से परिपूर्ण करने प्रशिक्षण देकर उन्हें मजबूती प्रदान करते है। इस मौके पर सुधा साहू, छात्रावास अधीक्षिका शमशाद जहा, जिला संयोजक ललित साहू, महासमुंद नगर मंत्री लवेश साहू, नगर सह मंत्री मेघा दुबे, आदित्य आर्य, नगर कार्यालय मंत्री मन्नू शर्मा, एमवीपीजी कॉलेज कैंपस अध्यक्ष सोनम चंद्राकर सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। समस्याओं से डरने की बजाय लड़ने की प्रेरणा सभी को आत्मरक्षा के लिए कराते में ब्लैक बेल्ट मुख्य प्रशिक्षक राहुल साहू, त्रिलोक साहू ने प्रशिक्षण प्रदान किया। छात्रावास की 50 छात्राओं को आत्मरक्षा की गुर बताए गए। उन्हें निडर होकर सामने आने वाली समस्याओं से डरना छोड़ लड़ने के लिए प्रेरित किया गया। छात्राओं ने भी रूचि लेते हुए कराते का प्रशिक्षण लिया और साहस से भरा महसूस किया। स्वयं के साथ परिवार के ऊपर आने वाले विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की बात छात्राओं ने कही।


