प्रभारी मंत्री ने सीकर कलक्टर को सुनाई जमकर खरी-खोटी, बोले- ‘इन चोरों को क्यों दे रहे हो संरक्षण’

प्रभारी मंत्री ने सीकर कलक्टर को सुनाई जमकर खरी-खोटी, बोले- ‘इन चोरों को क्यों दे रहे हो संरक्षण’

सीकर। प्रशासनिक व्यवस्थाओं की हकीकत जानने के लिए जिले के प्रभारी मंत्री संजय शर्मा ने मंगलवार को नगर परिषद सीकर का औचक निरीक्षण किया। राज्य सरकार के दो साल पूरे होने पर नगर परिषद में आयोजित शिविर में ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारी अपनी सीटों पर मौजूद नहीं मिले। प्रभारी मंत्री ने शिविर के कार्यों की पूछी तो मोबाइल में सूची दिखाने तैश में आ गए।

इस दौरान जब जिला कलक्टर मुकुल शर्मा नगर परिषद कर्मचारियों की ओर से जवाब देने लगे तो मंत्री ने कहा कि इन चोरों को संरक्षण देने की जरूरत नहीं है कलक्टर साहब….। प्रभारी मंत्री ने कलक्टर से कहा कि यह कौनसा तरीका हुआ आपका…..आपकी मर्जी हो उस तरह से सेवा शिविरों को चलाइए, मैं जा रहा हूं। मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में अब सीधे सीएम को रिपोर्ट करूंगा। मामले की जानकारी मिलने पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा भी नगर परिषद पहुंचे और उन्होंने प्रभारी मंत्री के साथ जिला कलक्टर व नगर परिषद आयुक्त से बातचीत की।

प्रभारी मंत्री बोले, मजाक समझ रखा है क्या, मैं मंत्री हूं

प्रभारी मंत्री संजय शर्मा ने जिला कलक्टर को पास बैठाकर सेवा शिविर के तहत सीकर में हो रहे कार्यों की सूची मांगी तो राजस्व अधिकारी और अधिशासी अभियंता जवाब नहीं दे सके। जब नगर परिषद के राजस्व अधिकारी ने सेवा शिविर के कार्यों की सूची मोबाइल में दिखाई तो प्रभारी मंत्री ने कहा कि मजाक समझ रखा है ? मैं मंत्री हूं, आप किसी कर्मचारी को सूची नहीं दिखा रहे हो, प्रिंट आउट लेकर आओ। प्रिंटेड सूची मांगने पर करीब 10 मिनट तक कर्मचारी एक-दूसरे की ओर बगलें झांकते रहे।

बिना सरकारी लवाजमे के पहुंचे प्रभारी मंत्री

जिला प्रभारी मंत्री संजय शर्मा मंगलवार को बिना किसी सरकारी लवाजमे और बिना एस्कॉर्ट के निजी गाड़ी से सीकर पहुंचे थे। उनके अचानक पहुंचने की सूचना पर करीब 20 मिनट बाद जिला कलक्टर मुकुल शर्मा भी नगर परिषद पहुंचे।

नगर परिषद से लेंगे रिपोर्ट: यूडीएच मंत्री

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि प्रभारी मंत्री के निरीक्षण की जानकारी मिली है। नगर परिषद से पूरे मामले की रिपोर्ट ली जाएगी। साथ ही राज्य सरकार के दो साल के कार्यकाल में आयोजित शिविरों में कितने लोगों के काम हुए और कितने आवेदन लंबित है इसकी भी विस्तृत रिपोर्ट मंगाई गई है।

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