Mob Lynching: केरल के पलक्कड़ जिले में भीड़ हिंसा का एक गंभीर और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां छत्तीसगढ़ के मूल निवासी एक प्रवासी मजदूर को स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर चोरी के संदेह में बुरी तरह पीट दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया है।
यह घटना पलक्कड़ जिले के वालयार थाना क्षेत्र की है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार देर रात सभी आरोपियों की औपचारिक गिरफ्तारी दर्ज की गई। शुक्रवार को उन्हें पलक्कड़ की अदालत में पेश किया गया, जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पहले झारखंड, बाद में छत्तीसगढ़ निकला मृतक का पता
पुलिस की शुरुआती जानकारी में मृतक की पहचान 31 वर्षीय रामनारायण भायर के रूप में हुई थी और उसे झारखंड का निवासी बताया गया था। हालांकि, बाद में आधार कार्ड के (Mob Lynching) माध्यम से हुई पुष्टि में यह स्पष्ट हुआ कि रामनारायण छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले का मूल निवासी था। केरल पुलिस ने 17 दिसंबर को इस घटना और मौत की सूचना सक्ती पुलिस को दी थी।
चोरी के संदेह में की गई बेरहमी से पिटाई
प्राथमिक जांच और सामने आए वीडियो फुटेज के अनुसार, कुछ स्थानीय लोगों ने रामनारायण को कथित तौर पर चोर समझकर रोक लिया और उससे पूछताछ शुरू की। इसी दौरान स्थिति बिगड़ गई और भीड़ ने उस पर हाथ-मुक्कों से हमला कर दिया। पुलिस का कहना है कि रामनारायण हाल ही में काम की तलाश में इस इलाके में पहुंचा था। जांच में यह भी सामने आया है कि उसके पास से किसी तरह का कोई चोरी का सामान बरामद नहीं हुआ।
गंभीर चोटों के बाद अस्पताल में मौत
चश्मदीदों के मुताबिक, लगातार पिटाई के कारण रामनारायण अचानक जमीन पर गिर पड़ा और उसके मुंह से खून निकलने लगा। गंभीर हालत में उसे पलक्कड़ जिला सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वालयार थाना पुलिस ने पुष्टि की है कि मौत भीड़ द्वारा (Mob Lynching) की गई बेरहमी से पिटाई के कारण आई गंभीर चोटों की वजह से हुई। घटना शाम करीब 7 बजकर 40 मिनट के आसपास की बताई जा रही है।
चार दिन पहले ही केरल आया था रामनारायण
मृतक के एक रिश्तेदार ने बताया कि रामनारायण महज चार दिन पहले रोज़गार की तलाश में केरल आया था। यहां मिली नौकरी उसे पसंद नहीं आई, जिसके बाद वह अपने गांव लौटने की तैयारी में था। नया इलाका होने और रास्तों की जानकारी न होने के कारण वह भटक गया और अनजाने में उसी स्थान पर पहुंच गया, जहां यह घटना हुई। परिजनों ने बताया कि रामनारायण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
रामनारायण अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। उसके पीछे आठ और दस साल के दो छोटे बच्चे रह गए हैं। परिजनों के अनुसार, वह शांत और मिलनसार स्वभाव का व्यक्ति था और उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। मृतक के परिजनों ने केरल सरकार और पुलिस प्रशासन से (Mob Lynching) पीड़ित परिवार को तत्काल मुआवजा देने, दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और शव को उसके पैतृक गांव छत्तीसगढ़ भेजने की मांग की है। परिवार के कुछ सदस्य केरल रवाना हो चुके हैं, ताकि कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर शव को गांव लाया जा सके।
वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है। सामने आए वीडियो फुटेज और चश्मदीदों के बयान जांच का अहम हिस्सा हैं और घटना के पीछे की वास्तविक परिस्थितियों को हर पहलू से खंगाला जा रहा है।


