मौसम विभाग द्वारा पहले ही सीवान में कोल्ड डे की चेतावनी जारी कर दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद नगर परिषद पूरी तरह बेखबर और बेपरवाह नजर आई। रविवार देर रात शहर के हालात ने नगर परिषद की कार्यशैली और संवेदनहीनता को सड़कों पर पोल खोलकर रख दिया। दैनिक भास्कर संवाददाता ने देर रात शहर के सबसे व्यस्त बबुनिया मोड़, जेपी चौक, पटेल चौक, गोपालगंज मोड़, स्टेशन रोड और दरबार मस्जिद जैसे इलाकों का जायजा लिया, जहां दिन-रात ऑटो, रिक्शा और पैदल यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन इन तमाम प्रमुख चौक-चौराहों पर नगर परिषद द्वारा अलाव की कोई व्यवस्था नहीं पाई गई। न लकड़ी, न आग, न कोई कर्मी—हर जगह केवल ठंड और लापरवाही का आलम दिखा। सबसे बदतर स्थिति ऑटो और रिक्शा चालकों की कड़ाके की ठंड में लोग ठिठुरते हुए अपने गंतव्य की ओर जाते नजर आए। सबसे बदतर स्थिति उन ऑटो और रिक्शा चालकों की रही, जो पूरी रात यात्रियों के इंतजार में खुले आसमान के नीचे खड़े रहते हैं। ठंड में भी शहर की सेवा करने वाले ये मेहनतकश लोग नगर परिषद की प्राथमिकता सूची से पूरी तरह गायब नजर आए। पुलिसकर्मी भी ठंड से बचने के लिए गाड़ी के अंदर दुबके दिखे हैरानी की बात यह रही कि स्टेशन रोड और बबुनिया मोड़ पर पुलिस की गश्ती गाड़ी तो मौजूद थी, लेकिन अलाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण पुलिसकर्मी भी ठंड से बचने के लिए गाड़ी के अंदर दुबके दिखे। यह तस्वीर साफ तौर पर दिखाती है कि नगर परिषद ने ठंड से बचाव को लेकर जमीनी स्तर पर कोई तैयारी नहीं की। ठंड से बचाव की योजनाएं सिर्फ फाइलों और बैठकों तक सीमित स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हर साल नगर परिषद ठंड से पहले अलाव की घोषणा करती है, लेकिन इस बार न तो समय पर कहीं लकड़ी गिरा है और न ही अलाव जलते दिखे। लोगों का आरोप है कि ठंड से बचाव की योजनाएं सिर्फ फाइलों और बैठकों तक सीमित रह गई हैं, जबकि जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है। देर रात शहर भ्रमण पर निकले जिला पदाधिकारी विवेक रंजन मैत्रये से जब इस गंभीर लापरवाही पर सवाल किया गया तो उन्होंने नगर परिषद को तत्काल अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश देने की बात कही। मौसम विभाग द्वारा पहले ही सीवान में कोल्ड डे की चेतावनी जारी कर दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद नगर परिषद पूरी तरह बेखबर और बेपरवाह नजर आई। रविवार देर रात शहर के हालात ने नगर परिषद की कार्यशैली और संवेदनहीनता को सड़कों पर पोल खोलकर रख दिया। दैनिक भास्कर संवाददाता ने देर रात शहर के सबसे व्यस्त बबुनिया मोड़, जेपी चौक, पटेल चौक, गोपालगंज मोड़, स्टेशन रोड और दरबार मस्जिद जैसे इलाकों का जायजा लिया, जहां दिन-रात ऑटो, रिक्शा और पैदल यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन इन तमाम प्रमुख चौक-चौराहों पर नगर परिषद द्वारा अलाव की कोई व्यवस्था नहीं पाई गई। न लकड़ी, न आग, न कोई कर्मी—हर जगह केवल ठंड और लापरवाही का आलम दिखा। सबसे बदतर स्थिति ऑटो और रिक्शा चालकों की कड़ाके की ठंड में लोग ठिठुरते हुए अपने गंतव्य की ओर जाते नजर आए। सबसे बदतर स्थिति उन ऑटो और रिक्शा चालकों की रही, जो पूरी रात यात्रियों के इंतजार में खुले आसमान के नीचे खड़े रहते हैं। ठंड में भी शहर की सेवा करने वाले ये मेहनतकश लोग नगर परिषद की प्राथमिकता सूची से पूरी तरह गायब नजर आए। पुलिसकर्मी भी ठंड से बचने के लिए गाड़ी के अंदर दुबके दिखे हैरानी की बात यह रही कि स्टेशन रोड और बबुनिया मोड़ पर पुलिस की गश्ती गाड़ी तो मौजूद थी, लेकिन अलाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण पुलिसकर्मी भी ठंड से बचने के लिए गाड़ी के अंदर दुबके दिखे। यह तस्वीर साफ तौर पर दिखाती है कि नगर परिषद ने ठंड से बचाव को लेकर जमीनी स्तर पर कोई तैयारी नहीं की। ठंड से बचाव की योजनाएं सिर्फ फाइलों और बैठकों तक सीमित स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हर साल नगर परिषद ठंड से पहले अलाव की घोषणा करती है, लेकिन इस बार न तो समय पर कहीं लकड़ी गिरा है और न ही अलाव जलते दिखे। लोगों का आरोप है कि ठंड से बचाव की योजनाएं सिर्फ फाइलों और बैठकों तक सीमित रह गई हैं, जबकि जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है। देर रात शहर भ्रमण पर निकले जिला पदाधिकारी विवेक रंजन मैत्रये से जब इस गंभीर लापरवाही पर सवाल किया गया तो उन्होंने नगर परिषद को तत्काल अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश देने की बात कही।


