मंडी कर्मचारियों का काली पट्टी बांधकर विरोध:1500 करोड़ कर्ज लेने के फैसले का विरोध, 28 अक्टूबर तक प्रदर्शन

मंडी कर्मचारियों का काली पट्टी बांधकर विरोध:1500 करोड़ कर्ज लेने के फैसले का विरोध, 28 अक्टूबर तक प्रदर्शन

बुरहानपुर कृषि उपज मंडी समिति के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मंडी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित के नेतृत्व में हुआ। कर्मचारियों की मुख्य मांगें पूरी न होने और भावांतर योजना के लिए 1500 करोड़ रुपए का ऋण लेने के फैसले के विरोध में यह प्रदर्शन किया जा रहा है। जिला अध्यक्ष श्रीकांत गंगराड़े ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन द्वारा भावांतर सोयाबीन योजना के संचालन हेतु मंडी बोर्ड पर 1500 करोड़ रुपए का ऋण लेने का दबाव बनाया जा रहा है। कर्मचारियों का तर्क है कि यह निर्णय अनुचित है, क्योंकि शासन पूर्व में भी मंडी बोर्ड से हजारों करोड़ रुपए ले चुका है, जिसे आज तक वापस नहीं किया गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष सदानंद कापसे के अनुसार, मंडी बोर्ड की वार्षिक आय लगभग 300 करोड़ रुपए है। इस आय का उपयोग कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य स्थापना व्यय के लिए किया जाता है। उनका कहना है कि ऐसे में अतिरिक्त ऋण लेने से मंडी बोर्ड आर्थिक रूप से दिवालिया हो जाएगा और उसका अस्तित्व समाप्त हो सकता है। सुनील पाटिल, मनीष गंगराड़े, साधना पटेल, संतोष दलाल सहित कई कर्मचारियों ने इस ऋण नीति का विरोध किया। उनका मानना है कि ऋण लेने से मंडियां बंद हो जाएंगी, जिससे किसान, व्यापारी, हम्माल, तुलावटी और कर्मचारियों का भविष्य प्रभावित होगा। कर्मचारियों ने मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक से अपनी लंबित मांगों को पूरा करने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो 29 अक्टूबर को प्रदेश के हजारों कर्मचारी और अधिकारी एक दिवसीय अवकाश लेकर मंडी बोर्ड का घेराव और प्रदर्शन करेंगे।

​ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *