महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से एक ऐसी हृदयविदारक घटना सामने आई है जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यहां एक युवा किसान को अवैध साहूकारों (सूदखोरों) के कर्ज के बोझ और मानसिक प्रताड़ना के कारण अपनी किडनी बेचने पर मजबूर होना पड़ा। 34 वर्षीय किसान रोशन कुडे की यह आपबीती सुनकर हर किसी की रूह कांप गई है।
1 लाख का कर्ज हुआ 74 लाख!
मिंथुर गांव के रहने वाले रोशन कुडे ने कुछ साल पहले अपना दूध का व्यवसाय शुरू करने के लिए एक निजी साहूकार से 1 लाख रुपये उधार लिए थे। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया, कोरोना काल की मंदी और फिर ‘लंपी’ बीमारी के कारण उसकी गायें मर गईं। व्यवसाय ठप हो गया और रोशन कर्ज की किश्तें नहीं चुका सका। समय बीतने के साथ ही एक लाख रुपये का कर्ज बढ़कर 74 लाख रुपये हो गया।
विदेश में किडनी का सौदा
रोशन के पिता शिवदास कुडे ने दावा किया कि साहूकारों ने उनके बेटे को योजना बनाकर अपने जाल में फंसाया। 1 लाख की मूल राशि पर भारी ब्याज लगाकर लाखों रुपये वसूले गए। जब रोशन सब कुछ हार गया, तो आरोपियों ने उसे पैसे चुकाने के लिए अपनी किडनी बेचने की सलाह दी।
आरोप है कि साहूकारों के दबाव में रोशन पहले कोलकाता गया और वहां से उसे कंबोडिया (Cambodia) ले जाया गया, जहां 8 लाख रुपये में उसकी किडनी का सौदा कर दिया गया।
एक्शन में आई पुलिस
इस मामले के तूल पकड़ते ही प्रशासन हरकत में आया है। चंद्रपुर के पुलिस अधीक्षक सुदर्शन मुमक्का ने बताया कि 6 आरोपियों के खिलाफ अवैध साहूकारी, रंगदारी, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पीड़ित किसान की मेडिकल जांच कराई जा रही है। यदि किडनी बेचने की पुष्टि होती है, तो मानव अंग तस्करी की धाराओं के तहत अलग से कड़ी जांच की जाएगी।
‘दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा’
इस घटना पर महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “यह अत्यंत गंभीर मामला है। किसी किसान को कर्ज के लिए अंग बेचने पर मजबूर करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम इस पर विस्तृत जानकारी ले रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”


