Magh Mela Protocol: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माघ मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन को सख्त और स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह सनातन परंपरा, सामाजिक समरसता और प्रशासनिक दक्षता का जीवंत प्रतीक है। ऐसे में इसकी तैयारियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 31 दिसंबर तक माघ मेले से जुड़ी सभी तैयारियां हर हाल में पूरी कर ली जाएं। साथ ही संबंधित प्रमुख सचिव, सचिव और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को निर्देशित किया कि वे 31 दिसंबर को स्वयं मौके पर जाकर व्यवस्थाओं की समीक्षा करें और कमियों को तत्काल दूर कराएं।
मुख्य स्नान पर्वों पर नहीं होगा वीआईपी प्रोटोकॉल
सीएम योगी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि माघ मेले के दौरान विशेषकर मुख्य स्नान पर्वों पर किसी भी प्रकार का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सर्वोपरि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि साधु-संतों, कल्पवासियों और आम श्रद्धालुओं को बिना किसी भेदभाव के समान सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक आस्था के ऐसे आयोजनों में प्रशासन की भूमिका सेवा भाव की होनी चाहिए, न कि औपचारिकता की।
31 दिसंबर तक पूरी हों सभी तैयारियां
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को समय-सीमा का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि घाटों की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था,बिजली, पानी और शौचालय की समुचित व्यवस्था,सड़क, पुल और संपर्क मार्गों की मरम्मत,चिकित्सा, एंबुलेंस और आपात सेवाएं,फायर सेफ्टी और आपदा प्रबंधन। इन सभी व्यवस्थाओं को 31 दिसंबर से पहले हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि अधूरी तैयारी श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ होगी, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

अधिकारियों को मौके पर जाकर करनी होगी समीक्षा
सीएम योगी ने निर्देश दिया कि माघ मेले से जुड़े प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अधिकारी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर 31 दिसंबर को स्वयं स्थल पर जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि केवल फाइलों में रिपोर्ट तैयार करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि ग्राउंड लेवल पर व्यवस्थाओं की हकीकत देखना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि निरीक्षण के दौरान मिली कमियों को तत्काल दूर कराया जाए और इसकी जिम्मेदारी तय की जाए।
अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माघ मेले के दौरान अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से किसी भी प्रकार की भ्रामक सूचना फैलाने वालों को चिन्हित कर तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अफवाह श्रद्धालुओं में भय और भ्रम पैदा करती हैं,कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुंचता है,प्रशासनिक प्रयासों पर नकारात्मक असर पड़ता है,इसलिए ऐसे तत्वों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाए।
ट्रैफिक और क्राउड मैनेजमेंट के लिए बहुस्तरीय योजना
माघ मेले में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री ने ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुस्तरीय ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए ,वैकल्पिक मार्गों की पहले से पहचान की जाए,पार्किंग स्थलों की स्पष्ट व्यवस्था हो,पैदल श्रद्धालुओं के लिए अलग मार्ग सुनिश्चित किए जाएं,सीएम ने कहा कि भीड़ नियंत्रण में किसी भी प्रकार की चूक गंभीर हादसों का कारण बन सकती है, इसलिए पुलिस और प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ काम करे।
सुरक्षा और चिकित्सा व्यवस्था पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने माघ मेले में सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घाटों पर गोताखोर और जल पुलिस तैनात रहे। सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जाए ,महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम हों, इसके साथ ही चिकित्सा व्यवस्था को लेकर भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अस्थायी अस्पताल, मेडिकल कैंप, एंबुलेंस और डॉक्टरों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित की जाए। ठंड को देखते हुए बुजुर्गों और बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था करने को भी कहा गया।

स्वच्छता और सुविधाओं पर विशेष ध्यान
सीएम योगी ने कहा कि माघ मेला स्वच्छता का भी उदाहरण बने। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नियमित सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए,कूड़ा प्रबंधन की प्रभावी योजना लागू हो,शौचालयों की संख्या पर्याप्त और साफ-सुथरी हो। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं को भी इसके प्रति जागरूक किया जाए।
सनातन परंपरा का सम्मान जरूरी
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि माघ मेला भारत की प्राचीन सनातन परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आयोजन आस्था, संस्कृति और अनुशासन का संगम है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी स्तर पर परंपराओं और धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
प्रशासन को स्पष्ट संदेश
सीएम योगी के इन निर्देशों से यह साफ हो गया है कि सरकार माघ मेले को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई के मूड में नहीं है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया कि जिम्मेदारी तय होगी और लापरवाही पर कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी।


