दरभंगा व्यवहार न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए LNMU प्रशासन को संगीत और नाट्य विभाग स्थित भवन खाली करने और उक्त जमीन का कब्जा महाराज कामेश्वर धार्मिक न्यास (राज परिवार) को सौंपने का निर्देश दिया है। यह मामला वर्षों से विश्वविद्यालय और राज परिवार के बीच विवाद का विषय बना हुआ था। रविवार को कोर्ट के निर्देश पर सदर SDO विकास कुमार भारी संख्या में पुलिस बल के साथ युवराज कपिलेश्वर सिंह के पक्ष में दखल दिलाने पहुंचे। सूचना मिलते ही LNMU संगीत विभागाध्यक्ष, कई कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध करते हुए हंगामा करने लगे। स्थिति तनावपूर्ण होती देख SDO और पुलिस पदाधिकारियों ने दोनों पक्षों को शांत कराया LNMU की रजिस्ट्रार दिव्या रानी हांसदा ने बताया कि विभाग को खाली कराने को लेकर विश्वविद्यालय को पूर्व से कोई आधिकारिक सूचना नहीं थी। उन्होंने कहा कि “संगीत विभाग में 26 नवंबर तक परीक्षा चल रही है। इस कारण हमने SDO साहब से समय मांगा है।” “विश्वविद्यालय की जमीन पर राज परिवार का कब्जा नहीं दिया जा सकता। हम इस मामले में कोर्ट जाएंगे, परीक्षा की बात सामने आने पर पुलिस बल और प्रशासनिक टीम वापस लौट गई। बताया जाता है कि महाराज कामेश्वर धार्मिक न्यास ने लंबे समय से दावा किया है कि संगीत एवं नाट्य विभाग जिस सात कट्ठा जमीन पर स्थित है, वह उनके स्वामित्व वाली है। यह मामला दरभंगा व्यवहार न्यायालय में वर्षों से चल रहा था। काफी समय बाद कोर्ट ने उक्त जमीन को राज परिवार की संपत्ति मानते हुए निर्णय सुनाया है। फैसला आने के बाद कई बार दखल देने की कोशिश की गई, लेकिन विरोध के कारण कब्जा नहीं मिल सका। रविवार को फिर से राज परिवार को कब्जा दिलाने का प्रयास किया गया, लेकिन परीक्षा के चलते कार्रवाई रोकनी पड़ी। सदर SDO विकास कुमार ने कहा कि“कोर्ट के निर्देश पर राज परिवार को दखल दिलाने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने 26 नवंबर तक परीक्षा होने की बात कही है और उसके बाद जगह को खाली करने का आश्वासन दिया है। कोर्ट के आदेश में स्पष्ट है कि जमीन खाली करवाकर उसकी चाबी राज परिवार को सौंपी जाए। दरभंगा व्यवहार न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए LNMU प्रशासन को संगीत और नाट्य विभाग स्थित भवन खाली करने और उक्त जमीन का कब्जा महाराज कामेश्वर धार्मिक न्यास (राज परिवार) को सौंपने का निर्देश दिया है। यह मामला वर्षों से विश्वविद्यालय और राज परिवार के बीच विवाद का विषय बना हुआ था। रविवार को कोर्ट के निर्देश पर सदर SDO विकास कुमार भारी संख्या में पुलिस बल के साथ युवराज कपिलेश्वर सिंह के पक्ष में दखल दिलाने पहुंचे। सूचना मिलते ही LNMU संगीत विभागाध्यक्ष, कई कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र मौके पर पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध करते हुए हंगामा करने लगे। स्थिति तनावपूर्ण होती देख SDO और पुलिस पदाधिकारियों ने दोनों पक्षों को शांत कराया LNMU की रजिस्ट्रार दिव्या रानी हांसदा ने बताया कि विभाग को खाली कराने को लेकर विश्वविद्यालय को पूर्व से कोई आधिकारिक सूचना नहीं थी। उन्होंने कहा कि “संगीत विभाग में 26 नवंबर तक परीक्षा चल रही है। इस कारण हमने SDO साहब से समय मांगा है।” “विश्वविद्यालय की जमीन पर राज परिवार का कब्जा नहीं दिया जा सकता। हम इस मामले में कोर्ट जाएंगे, परीक्षा की बात सामने आने पर पुलिस बल और प्रशासनिक टीम वापस लौट गई। बताया जाता है कि महाराज कामेश्वर धार्मिक न्यास ने लंबे समय से दावा किया है कि संगीत एवं नाट्य विभाग जिस सात कट्ठा जमीन पर स्थित है, वह उनके स्वामित्व वाली है। यह मामला दरभंगा व्यवहार न्यायालय में वर्षों से चल रहा था। काफी समय बाद कोर्ट ने उक्त जमीन को राज परिवार की संपत्ति मानते हुए निर्णय सुनाया है। फैसला आने के बाद कई बार दखल देने की कोशिश की गई, लेकिन विरोध के कारण कब्जा नहीं मिल सका। रविवार को फिर से राज परिवार को कब्जा दिलाने का प्रयास किया गया, लेकिन परीक्षा के चलते कार्रवाई रोकनी पड़ी। सदर SDO विकास कुमार ने कहा कि“कोर्ट के निर्देश पर राज परिवार को दखल दिलाने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने 26 नवंबर तक परीक्षा होने की बात कही है और उसके बाद जगह को खाली करने का आश्वासन दिया है। कोर्ट के आदेश में स्पष्ट है कि जमीन खाली करवाकर उसकी चाबी राज परिवार को सौंपी जाए।


