सिसवन में समाज कल्याण विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। कई बुजुर्गों को विभाग ने जीवित होने के बावजूद मृत मानकर उनके ओल्ड एज की पेंशन राशि बंद कर दी है। पेंशन की राशि रुकने के बाद बुजुर्ग पेंशन बहाली के लिए पंचायत से लेकर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से कई बार संपर्क किए। बाद में पता चला कि समाज कल्याण विभाग ने उन्हें मृत मानकर पेंशन रोक दी है। हालांकि पेंशनरों का सत्यापन का काम विकास मित्रों ने की थी। लेकिन विकास मित्रों के गलत सत्यापन की वजह से सिस्टम ने इन्हें मृत मान लिया। यह मामले सरकार की वृद्ध जन कल्याण योजनाओं पर सवाल खड़े करती हैं । साथ ही यह भी चिंता का विषय है कि ऐसे और कितने बुजुर्गों की पेंशन गलत सत्यापन के कारण रुकी होगी। इस वजह से बुजुर्गों को बुढ़ापे में जीवन यापन का सहारा फिलहाल छिन गया है। नतीजतन ऐसे बुजुर्ग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन विभागीय स्तर पर ऐसे जीवित बुजुर्गों का ठीक ढंग से सत्यापन कर पेंशन की राशि जारी करने में अभी उदासीनता बरती जा रही है। कोशिला कुंवर। कोशिला कुंवर को फरवरी 2022 से नहीं मिल रही पेंशन प्रखंड के उबधी गांव निवासी स्वर्गीय हीरा भगत की पत्नी कोशिला कुंवर का वर्ष 2008 से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन स्वीकृत है। फरवरी 2022 तक इन्हें पेंशन की राशि मिली है, लेकिन अब पेंशन नहीं मिल रही है। नतीजतन 85 वर्षीय कोशिला पेंशन के लिए पंचायत कार्यालय और ब्लॉक ऑफिस की दौड़ लगाने के लिए मजबूर है । कहते है अधिकारी ^अब हर साल पेंशनधारियों का केवाईसी व प्रमाणीकरण कराया जाता है।ऐसा नही होने पर पेंशन की राशि आनी बंद हो जाती है।हो सकता है कि विकास मित्रों द्वारा गलत रिपोर्टिंग के चलते नाम मृत सूची में चला गया हो।वे इस मामले को जांच कराकर जल्द ही पेंशन राशि भेजनी शुरू करवा देंगे। राजेश कुमार, बीडीओ, सिसवन सिसवन में समाज कल्याण विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। कई बुजुर्गों को विभाग ने जीवित होने के बावजूद मृत मानकर उनके ओल्ड एज की पेंशन राशि बंद कर दी है। पेंशन की राशि रुकने के बाद बुजुर्ग पेंशन बहाली के लिए पंचायत से लेकर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से कई बार संपर्क किए। बाद में पता चला कि समाज कल्याण विभाग ने उन्हें मृत मानकर पेंशन रोक दी है। हालांकि पेंशनरों का सत्यापन का काम विकास मित्रों ने की थी। लेकिन विकास मित्रों के गलत सत्यापन की वजह से सिस्टम ने इन्हें मृत मान लिया। यह मामले सरकार की वृद्ध जन कल्याण योजनाओं पर सवाल खड़े करती हैं । साथ ही यह भी चिंता का विषय है कि ऐसे और कितने बुजुर्गों की पेंशन गलत सत्यापन के कारण रुकी होगी। इस वजह से बुजुर्गों को बुढ़ापे में जीवन यापन का सहारा फिलहाल छिन गया है। नतीजतन ऐसे बुजुर्ग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन विभागीय स्तर पर ऐसे जीवित बुजुर्गों का ठीक ढंग से सत्यापन कर पेंशन की राशि जारी करने में अभी उदासीनता बरती जा रही है। कोशिला कुंवर। कोशिला कुंवर को फरवरी 2022 से नहीं मिल रही पेंशन प्रखंड के उबधी गांव निवासी स्वर्गीय हीरा भगत की पत्नी कोशिला कुंवर का वर्ष 2008 से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन स्वीकृत है। फरवरी 2022 तक इन्हें पेंशन की राशि मिली है, लेकिन अब पेंशन नहीं मिल रही है। नतीजतन 85 वर्षीय कोशिला पेंशन के लिए पंचायत कार्यालय और ब्लॉक ऑफिस की दौड़ लगाने के लिए मजबूर है । कहते है अधिकारी ^अब हर साल पेंशनधारियों का केवाईसी व प्रमाणीकरण कराया जाता है।ऐसा नही होने पर पेंशन की राशि आनी बंद हो जाती है।हो सकता है कि विकास मित्रों द्वारा गलत रिपोर्टिंग के चलते नाम मृत सूची में चला गया हो।वे इस मामले को जांच कराकर जल्द ही पेंशन राशि भेजनी शुरू करवा देंगे। राजेश कुमार, बीडीओ, सिसवन


