भागवत कथा सुनने से मिलती है सुख-शांति: संत गोविंद दास

भास्कर न्यूज़ | मीरगंज मीरगंज के वर्मा कॉलोनी शरणार्थी टोला में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। कथा के मंच से प्रवचन देते हुए उज्जैन से पधारे संत श्री श्री 108 गोविंद दास जी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत जीवन दर्शन का ऐसा दिव्य ग्रंथ है, जिसका श्रवण करने मात्र से मनुष्य को सुख, शांति और परम आनन्द की प्राप्ति होती है। भागवत कथा सुनने से मनुष्य के अंतरमन में ज्ञान का प्रकाश फैलता है। जिससे अहंकार, क्रोध, लोभ, मोह जैसे दुर्गुण स्वतः समाप्त होने लगते हैं। जब मनुष्य के भीतर दिव्य चेतना का उदय होता है, तब उसका जीवन कल्याणमय हो जाता है। उन्होंने कहा कि हर मनुष्य को अपने-अपने कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है—जैसा कर्म, वैसा परिणाम। इसलिए शुभ कर्म और सत्य मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। संत गोविंद दास ने कथा के दौरान धुंधकारी जैसे भटके हुए प्रेत की मुक्ति का पावन प्रसंग भी सुनाया। भास्कर न्यूज़ | मीरगंज मीरगंज के वर्मा कॉलोनी शरणार्थी टोला में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। कथा के मंच से प्रवचन देते हुए उज्जैन से पधारे संत श्री श्री 108 गोविंद दास जी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत जीवन दर्शन का ऐसा दिव्य ग्रंथ है, जिसका श्रवण करने मात्र से मनुष्य को सुख, शांति और परम आनन्द की प्राप्ति होती है। भागवत कथा सुनने से मनुष्य के अंतरमन में ज्ञान का प्रकाश फैलता है। जिससे अहंकार, क्रोध, लोभ, मोह जैसे दुर्गुण स्वतः समाप्त होने लगते हैं। जब मनुष्य के भीतर दिव्य चेतना का उदय होता है, तब उसका जीवन कल्याणमय हो जाता है। उन्होंने कहा कि हर मनुष्य को अपने-अपने कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है—जैसा कर्म, वैसा परिणाम। इसलिए शुभ कर्म और सत्य मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। संत गोविंद दास ने कथा के दौरान धुंधकारी जैसे भटके हुए प्रेत की मुक्ति का पावन प्रसंग भी सुनाया।  

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