बाराबंकी के दरियाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम मशुरानगर में वर्ष 2014 में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश (तृतीय) राकेश कुमार सिंह की अदालत ने एक महिला सहित छह अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी ठहराए गए अभियुक्तों में चंद्रशेखर, राजू वर्मा, अर्जुन सिंह, दिनेश गौतम, जितेंद्र कुमार और जानकी उर्फ जनकल्ली उर्फ मंजू शामिल हैं। अदालत ने सभी दोषियों पर 75-75 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। यह हत्याकांड दरियाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम मशुरानगर में लगभग 11 वर्ष पहले हुआ था। इसमें एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। यह मामला जमीन विवाद से जुड़ा हुआ था। मृतक शिवबरन वर्मा ने तीन विवाह किए थे। बीमारी के कारण वह अपनी तीसरी पत्नी, पुत्र निर्मल और पूर्व पत्नी की बेटी गुड़िया के साथ रहते थे। उन्होंने इलाज के लिए अपनी पैतृक जमीन का कुछ हिस्सा भी बेच दिया था। महिला को भी हुई सजा शिवबरन के पुत्र चंद्रशेखर ने अपने चाचा रामबरन की विधवा बहू जनकल्ली से विवाह कर लिया। आरोप है कि जनकल्ली ने शिवबरन की जमीन हड़पने के इरादे से इस हत्याकांड की साजिश रची थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, फरवरी 2014 में शिवबरन वर्मा, उनकी पत्नी, बेटी गुड़िया और पुत्र निर्मल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए चंद्रशेखर और उसके साथियों ने कथित तौर पर भाड़े के हत्यारों को भी शामिल किया था। घटना के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर गहन जांच की। जांच के दौरान साक्ष्य, गवाहों के बयान और परिस्थितिजन्य प्रमाणों के आधार पर अभियुक्तों की संलिप्तता साबित हुई। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने सभी छह आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। लगभग 11 साल बाद आए इस फैसले से पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है। न्यायालय के इस निर्णय को जिले के चर्चित हत्याकांडों में एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है।


