सरकार ने एविएशन सेक्टर में कॉम्पिटिशन बढ़ाने और बड़ी एयरलाइनों पर निर्भरता कम करने के लिए तीन नई एयरलाइंस को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया है। इन एयरलाइंस के नाम शंख एयर, अलहिंद एयर और फ्लाई एक्सप्रेस हैं। यह फैसला ऐसे समय लिया गया है, जब हाल ही में इंडिगो के ऑपरेशन से जुड़ी दिक्कतें सामने आईं। इसके बाद सरकार को लगा कि भारतीय एविएशन सेक्टर में ज्यादा कंपनियों और ज्यादा विकल्पों की जरूरत है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारतीय आसमान में ज्यादा एयरलाइंस को बढ़ावा देना है। सरकार का मानना है कि नए खिलाड़ियों के आने से यात्रियों को बेहतर सेवा और ज्यादा विकल्प मिलेंगे। एक्सपर्ट बोले- इससे एयर कनेक्टिविटी बेहतर होगी एविएशन इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि इससे भारतीय विमानन क्षेत्र में नई प्रतिस्पर्धा शुरू होगी। हालांकि, इन नई एयरलाइंस के सामने असली चुनौती अब शुरू होती है। उन्हें पूंजी जुटानी होगी, विमान बेड़े को तैयार करना होगा और मजबूत नेटवर्क खड़ा करना होगा, ताकि वे सही मायनों में उड़ान भर सकें। जानकारों के मुताबिक, अगर ये एयरलाइंस सफल होती हैं, तो इसका सीधा फायदा यात्रियों को मिलेगा। टिकटों के ज्यादा विकल्प मिलेंगे और देश के अलग-अलग हिस्सों की एयर कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। एनओसी मिलने के बाद भी कई प्रक्रियाएं एनओसी मिलने का मतलब है कि सरकार ने इन कंपनियों को एयरलाइन शुरू करने की आगे की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी है। अब अगला कदम डीजीसीए से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) लेना होगा। इसके साथ ही इन्हें विमान (फ्लीट), पायलट और स्टाफ, मेंटेनेंस और रूट नेटवर्क से जुड़ी सारी तैयारियां करनी होंगी। यह पूरी प्रक्रिया आमतौर पर कई महीनों तक चलती है। इसी दौरान यह साफ होता है कि कोई एयरलाइन आर्थिक रूप से कितनी मजबूत है और उड़ान संचालन के लिए कितनी तैयार है। बड़ी कंपनियों पर निर्भरता कम करने के लिए फैसला भारत का घरेलू एविएशन बाजार आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में शामिल है। सरकार का मानना है कि जितनी ज्यादा एयरलाइंस होंगी, उतनी ही ज्यादा उड़ानें और सीटें मिलेंगी। इससे देश के अलग-अलग हिस्सों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और टिकट के दाम भी प्रतिस्पर्धा के कारण काबू में रहेंगे। इसी सोच के साथ सरकार नए खिलाड़ियों को मौका दे रही है, ताकि विमानन बाजार सिर्फ एक या दो बड़ी कंपनियों पर निर्भर न रहे और यात्रियों को ज्यादा विकल्प मिल सकें। तीनों एयरलाइन के बारे में जानिए.. शंख एयर: उत्तर प्रदेश की यह एयरलाइन खुद को फुल-सर्विस एयरलाइन के तौर पर पेश कर रही है। कंपनी का फोकस बड़े शहरों और प्रमुख राज्यों को आपस में जोड़ने पर होगा। नेटवर्क का विस्तार धीरे-धीरे किया जाएगा, ताकि शुरुआती खर्च को नियंत्रित रखा जा सके। योजना के मुताबिक, एयरलाइन 2026 की पहली तिमाही में अपनी उड़ानें शुरू करेगी। अगले 2 से 3 साल में बेड़े में 20 से 25 विमान शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। अलहिंद एयर: केरल के अलहिंद ग्रुप से जुड़ी यह एयरलाइन पहले ट्रैवल और टूरिज्म के क्षेत्र में काम करती थी। अब इसका मॉडल रीजनल और लो-कॉस्ट कनेक्टिविटी का होगा। कंपनी छोटे विमानों का इस्तेमाल करके टियर-2 और टियर-3 शहरों को जोड़ने पर ध्यान देगी। फ्लाई एक्सप्रेस: यह एयरलाइन कार्गो और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र से जुड़ी है। घरेलू एयर-कार्गो की बढ़ती मांग को देखते हुए, कंपनी पैसेंजर उड़ानों के साथ कार्गो सुविधा भी देगी। इससे उसे स्थिर राजस्व का एक अतिरिक्त स्रोत मिलेगा।
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