मनरेगा में बदलाव के खिलाफ वामपंथियों का प्रदर्शन:करनाल में पुतला जलाया, डीसी कार्यालय में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा

मनरेगा में बदलाव के खिलाफ वामपंथियों का प्रदर्शन:करनाल में पुतला जलाया, डीसी कार्यालय में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा

करनाल में वामपंथी दलों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। नेताओं ने इस मौके पर नए कानून का पुतला जलाया। उनका कहना था कि सरकार द्वारा लाए गए नए कानून के जरिए मनरेगा को खत्म करने की साजिश की जा रही है। इससे ग्रामीण गरीबों, किसान मजदूरों और जरूरतमंद लोगों का रोजगार छिन जाएगा। उन्होंने इस कानून को तुरंत रद्द करने और मनरेगा को बहाल कर मजबूत करने की मांग की। नेताओं ने कहा कि कानून से महात्मा गांधी का नाम हटाना वैचारिक संकीर्णता को दर्शाता है और यह उनका अपमान है। उन्होंने कहा कि वामपंथी पार्टियां वी बी जी राम जी एक्ट का पुरजोर विरोध करती हैं। जानिए– नेताओं ने क्या लगाए आरोप, क्यों है विरोध ये रखी गई प्रमुख मांगें प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से वीबी जीरामजी कानून को रद्द करने, मनरेगा को बहाल कर मजबूत करने, मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम और 600 रुपए दिहाड़ी देने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों किसान मजदूरों के आक्रोश को समझते हुए वामपंथी दल मनरेगा बहाली के आंदोलन के साथ मजबूती से खड़े हैं।

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