24 दिसंबर से विजय हजारे ट्रॉफी की शुरुआत होने जा रही है, जिसमें 32 टीमें एलीट ग्रुप में और 6 टीमें प्लेट ग्रुप में हिस्सा लेंगी। मतलब कुल 38 टीमें इस टूर्नामेंट में भाग लेने जा रही हैं। खिताबी मुकाबला 6 जनवरी को खेला जाएगा। यह घरेलू क्रिकेट का वनडे फॉर्मेट टूर्नामेंट है। एलीट ग्रुप में 32 टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें 8-8 की चार अलग-अलग ग्रुपों में बांटा गया है। हर ग्रुप से दो टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी और क्वार्टर फाइनल जीतने वाली टीमें सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी।
इस टूर्नामेंट में प्रदर्शन कर हर खिलाड़ी का सपना भारत की वनडे टीम में जगह बनाने का होता है। लेकिन क्या सच में ऐसा होता है? क्या इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भारत की वनडे टीम में जगह मिलती है?
किसी को नहीं मिली टीम इंडिया में जगह
पिछले साल सबसे ज्यादा रन बनाने वाले पांच बल्लेबाजों की बात करें, तो उनमें करुण नायर, मयंक अग्रवाल, सिद्धेश वीर, प्रभसिमरन सिंह और ध्रुव शोर शामिल थे। करुण नायर ने विदर्भ के लिए 779 रन बनाए थे, वहीं मयंक अग्रवाल ने कर्नाटक के लिए 651 रन जड़े थे। सिद्धेश वीर ने महाराष्ट्र के लिए 520 रन बनाए थे। पंजाब के लिए प्रभसिमरन सिंह ने 498 रन और विदर्भ के लिए ध्रुव शोर ने 494 रन बनाए थे। हालांकि, इनमें से किसी भी बल्लेबाज को भारत की वनडे टीम में जगह नहीं मिली। करुण नायर को टीम इंडिया की टेस्ट टीम में शामिल किया गया लेकिन एक सीरीज के बाद ही ड्रॉप कर दिया गया।
इस टूर्नामेंट का पहला संस्करण साल 1993-94 में खेला गया था। तब यह टूर्नामेंट ज़ोन वाइज खेला जाता था, यानी सेंट्रल ज़ोन, ईस्ट ज़ोन, नॉर्थ ज़ोन, साउथ ज़ोन और वेस्ट ज़ोन। साल 2002-03 से सभी टीमें अलग-अलग खेलने लगीं और उसी सीजन में पहली बार तमिलनाडु चैंपियन बना, जिसने फाइनल में पंजाब को हराया था।
VHT की सबसे सफल टीम कौन?
पिछली बार कर्नाटक ने विदर्भ को हराकर खिताबी मुकाबला जीता था। उस सीजन में करुण नायर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे, जबकि पंजाब के लिए अर्शदीप सिंह ने सबसे ज्यादा विकेट चटकाए थे। आपको बता दें कि अब तक कर्नाटक और तमिलनाडु इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम रही हैं, जिन्होंने 5-5 बार यह खिताब जीता है। वहीं मुंबई 4 बार यह ट्रॉफी अपने नाम कर चुकी है।


