छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर जमीन गाइडलाइन दरों में बंपर बढ़ोतरी के बाद राजनीतिक और सामाजिक माहौल गर्म होता देखकर सरकार ने गाइडलाइन दरों एवं उपबंधों के पुनरीक्षण संबंधी निर्णय लिए है। कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक, छत्तीसगढ़ रायपुर ने केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में चर्चा के बाद नई गाइड लाइन जारी की है। नई गाइड लाइन में 6 संशोधन किए है और जिला समितियों से पुनरीक्षण प्रस्ताव मांगा है। पढ़े कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक, छत्तीसगढ़ द्वारा जारी नई गाइड लाइन 1. नगरीय क्षेत्र में 1400 वर्ग मीटर तक भूखंडों के इंक्रीमेंटल आधार पर गणना के प्रावधान को समाप्त करते हुए पूर्व प्रचलित उपबंध अनुसार नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल तक, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल तक, और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन के प्रावधान को यथावत लागू किए जाने का निर्णय लिया गया। 2. बहुमंजिला भवनों में फ्लैट/दुकान/कार्यालय अंतरण होने पर सुपर बिल्ट अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना के प्रावधान को विलोपित किए जाने का निर्णय लिया गया. अब इनमें बिल्ट अप एरिया के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। यह प्रावधान मध्य प्रदेश के समय से चला आ रहा था और राज्य में वर्टिकल डेवलपमेंट के लिए इसकी मांग लंबे समय से आ रही थी। इससे नगर योजना में भूमि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा। 3. बहुमंजिला भवन एवं कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट एवं प्रथम तल पर 10% कमी, द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20% कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। इससे मध्यम वर्ग को किफायती दर पर फ्लैट मिल पाएंगे। 4. कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 20 मीटर पश्चात् स्थित संपत्ति के लिए भूखंड की दर में 25% कमी कर मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर दूरी की गणना कॉम्प्लेक्स के मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित भाग से की जाएगी। 5. जिला मूल्यांकन समिति द्वारा गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण के प्रस्ताव केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजे जाते हैं जिनका विश्लेषण कर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड नवीन गाइडलाइन दरें जारी करता है। जिला मूल्यांकन समिति के लिए निर्देश जारी ज़िला मूल्यांकन समिति को यह निर्देशित करने का निर्णय लिया गया कि हाल ही में हुई दरों में वृद्धि के पश्चात प्राप्त ज्ञापनों, आपत्तियों एवं सुझावों का परिशीलन कर 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण के प्रस्ताव भेजें। लगातार हो रहा था विरोध 9 नवंबर को जमीन दर और रजिस्ट्री दर में बढ़ोत्तरी का निर्देश जारी किया था। सरकार के इस निर्णय का प्रदेश के कारोबारियों के अलावा विपक्ष और बीजेपी के नेताओं ने विरोध किया था। बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार के इस निर्णय की आलोचना करते हुए जनता के पक्ष में नहीं बताया था। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भी लगातार नए नियम के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। सरकार के इस निर्णय की आलोचना होता देखकर सरकार ने अपने निर्णय में बदलाव किया है।


