Saharanpur : पेपर मिल रोड स्थित फैक्ट्री में बॉयलर फटने से मरने वाले दोनों मजदूरों की पहचान उनके प्राइवेट पार्ट से हुई। दरअसल दोनों इतनी बुरे तरह से जल चुके थे कि इनके चेहरों से पहचान करना मुश्किल हो रहा था। कपड़े भी नहीं बचे थे। बाद में लोगों ने सिर्फ यही दिमाग लगाया कि दोनों अलग-अलग धर्म के हैं तो इनके प्राइवेट पार्ट से शिनाख्त की जा सकती है।
लपटों से बुरी तरह झुलस गए थे दोनों
26 अक्टूबर को सहारनपुर के पेपर मिल रोड पर शेखपुरा गांव के पास स्थित बी एंड एन पायरोलाइसिस नाम की फैक्ट्री में तेज धमका हुआ था। इस दुर्घटना में दो मजदूरों की मौत हो गई थी। इनके अलावा फैक्ट्री मालिक और पांच मजदूर झुलस गए थे। मरने वाले दोनों मजदूरों के नाम बिल्लू और शोएब थे। फैक्ट्री से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने यह आशंका जताई थी कि मरने वाले दोनों मजदूर बिल्लू और शोएब हैं लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो रही थी। मामला उस समय और गंभीर हो गया जब अस्पताल पहुंचे दोनों के परिजनों ने इनके शव पहचानने से ही इंकार कर दिया।
परिवार वालों ने शिनाख्त से कर दिया इंकार
परिवार वालों के शिनाख्त से इंकार करने पर यह मामला और विकट हो गया। पुलिस के लिए यह सवाल और कठिन बनता जा रहा था कि दोनों की पहचान कैसे हो। धमाके के बाद सिर्फ दोनों ही गायब थे। ऐसे में यह तो लगभग साफ हो गया था कि मरने वाले दोनों शोएब और बिल्लू हैं लेकिन बिल्लू का शव कौन सा है और शोएब का शव कौन सा है यह पहचान नहीं हो पा रही थी। इसके बाद दोनों की पहचान दोनों के प्राइवेट पार्ट से की गई। इससे पता चल गया कि शोएब का शव कौन सा है और बिल्लू का शव कौन सा है।
घायलों का चल रहा देहरादून में उपचार ( Saharanpur )
इस दुर्घटना में घायल हुए फैक्ट्री मालिक और अन्य कर्मचारियों का उपचार देहरादून स्थित एक प्राईवेट अस्पताल में चल रहा है। इन सभी की हालत में सुधार बताया जा रहा है। इस घटना के बाद फैक्ट्री के लाइसेंस की भी जांच की जा रही है। प्राथमिक पड़ताल में यह बात सामने आई है कि फैक्ट्री मानकों के अनुरूप नहीं चल रही थी। अब इसकी भी जांच की जा रही है। दमकल विभाग इस बात का पता लगा है कि आग किना कारणों से लगी और क्या लापरवाही बरती गई। इसके साथ ही अन्य विभाग ये जांच कर रहे हैं कि फैक्ट्री के मानक पूरे थे या नहीं।


