अखिलेश दुबे की जमानत खारिज होने की जाने 5बड़ी वजहें:हाईकोर्ट ने माना- लोगों को फंसाने का मुख्य साजिशकर्ता है आरोपी

अखिलेश दुबे की जमानत खारिज होने की जाने 5बड़ी वजहें:हाईकोर्ट ने माना- लोगों को फंसाने का मुख्य साजिशकर्ता है आरोपी

बेकसूर लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसा वसूली करने के का केंद्र बिंदु अखिलेश दुबे ही है। सभी कड़ियों को जोड़ कर देखा तो अखिलेश दुबे ही मुख्य आरोपी है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह टिप्पणी करते हुए भाजपा नेता रवि सतीजा से 50 लाख की रंगदारी मामले में अखिलेश दुबे की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अब जानते हैं कि अखिलेश दुबे की जमानत खारिज होने की 5 खास वजह। रवि सतीजा के खिलाफ फर्जी रेप केस दर्ज करा कर 50 लाख रंगदारी मांगने के मामले में एसआईटी ने 6 अगस्त को अखिलेश दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जिसके बाद अखिलेश और उसके गिरोह के खिलाफ लोग सामने आने लगे और एक के बाद एक 6 मुकदमे दर्ज हुए। वहीं जमीनों पर कब्जा करने, अवैध वसूली करने व रेप केस में फंसाकर लोगों से रंगदारी वसूलने की करीब 50 से अधिक शिकायतें आई थीं। जिसकी एसआईटी जांच कर रही हैं, लेकिन अब तक किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई। भाजपा नेता से रंगदारी मामले में सेशन कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संतोष राय की खंडपीठ में अर्जी दाखिल की थी। जिसमें बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अखिलेश दुबे को राजनीतिक व व्यक्तिगत रंजिश के कारण झूठा फंसाया जा रहा है। यह 5 बड़ी वजह आईं सामने –भाजपा नेता के खिलाफ मुकदमा लिखवाने वाली पीड़िता बहनों ने बयान में कहा–दुबे के दबाव में लिखवाया फर्जी मुकदमा –रंगदारी के मामले में सुशील त्रिवेदी ने भी गवाही दी, जिसकी ऑडियो रिकार्डिंग है। –कोर्ट ने यह भी माना कि बेल मिलने पर अखिलेश दुबे अपने अधिवक्ता पेशे का दुरुपयोग कर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। –50 से अधिक मामलों में जांच जारी होने के सूची में हाईकोर्ट में दाखिल की गई। –रवि सतीजा और अखिलेश दुबे के बीच बातचीत का ऑडियो रिकार्डिंग आज होटल कारोबारी से रंगदारी मांगने के मामले में सुनवाई स्वरूप नगर निवासी होटल कारोबारी सुरेश पाल ने किदवई नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। बताया था कि अखिलेश दुबे ने उन्हें वाट्सएप कॉल कर साकेत नगर स्थित कार्यालय बुलाया था। वहां अखिलेश ने कहा कि कुछ लोग उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश कर रहे है। अगर बचना है तो पैसे देने होंगे। असमर्थता जताने पर उनके खिलाफ नौबस्ता में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके बाद वह डर कर शहर छोड़ कर चले गए थे। जब वह वापस लौटे तो उनसे पांच करोड़ रंगदारी मांगी गई और 2.50 करोड़ में सौदा तय हुआ था।

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