प्रभारी मंत्री के बुलाने पर भी नहीं आए किसान:मीडिया के सामने बात करने से मना किया था, बिना वार्ता ही लौटे

प्रभारी मंत्री के बुलाने पर भी नहीं आए किसान:मीडिया के सामने बात करने से मना किया था, बिना वार्ता ही लौटे

राजस्थान में भाजपा सरकार के दो साल का कार्यकाल होने पूरा होने पर बाद शनिवार को जालोर के प्रभारी मंत्री के.के विश्नोई जालोर में हो विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए पहुंचे। सड़क सुरक्षा की सभी को शपथ दिलाई और प्रेस वार्ता की। इस दौरान मंत्री केके विश्नोई के पास बैठे जालोर विधायक और मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग प्रेस वार्ता में झपकी लेते हुए नजर आए। इसके बाद ज्ञापन देने आए किसानों को वार्ता के लिए बुलाया। लेकिन सभागार हॉल में किसानों के साथ मीडिया को देख कर मंत्री कहा- मीडिया के सामने बात नहीं करूंगा। आप 4-5 लोग बंद कमरे में चलो। किसान बंद कमरे में वार्ता के लिए तैयार नहीं हुए तो मंत्री बिना वार्ता किए किसानों को छोड़ कर चले गए। भारतीय किसान संघ के बैनर तले जालोर जिले के किसान अपनी मांगो को लेकर इसके बाद जवाई बांध के जालोर के हक के पानी को 2280 करोड़ का टेंडर कर जोधपुर ले जाने की तैयारी की जा रही है। बल्कि पिछले करीब 27 दिन तक जालोर जिला कलेक्ट्रेट के सामने किसानों ने महा पड़ाव डालकर धरना दिया था। सरकार की ओर से आश्वासन देकर इस योजना को बंद करने की बात की थी। उसके बाद भी सरकार ने अन्दर ही अन्दर सर्व व टेंडर कर के जालोर के हक का पानी जोधपुर ले जाने की तैयारी की जा रही हैं। उसके खिलाफ किसान मंत्री को ज्ञापन देकर वार्ता करने के लिए पहुंचे। इस मंत्री ने सभी किसानों को वार्ता के लिए कलेक्टर सभागार भवन में बुला दिया। इस मीडिया भी किसानों के साथ सभागार भवन में पहुंच गई। बुलाने पर भी किसान नहीं आए मंत्री ने मीडिया को देख कर कहा कि आप कलेक्टर चेम्बर में आ जाइए लेकिन, किसान नहीं गए। आहोर विधायक छगन सिंह ने किसानों से समझाइश कर वार्ता के लिए बंद कमरे में बुलाया। लेकिन किसान तब भी नहीं माने और कहा कि आमजन के हित का मुद्दा है। मीडिया ने जो छापा उसी मुद्दे पर हम तो बात करना चाहते हैं। जिसके बाद आहोर विधायक के कहने पर मंत्री फिर सभागार में आए। किसानों का ज्ञापन लेकर किसानों से बोले कि आप मेरे से बात करना चाहते हैं या मीडिया से। जिसके बाद किसानों ने कहा साहब जो बात हो सबके सामने होगी। मंत्री ने किसानों का ज्ञापन लेकर बोले कि 5-7 दिन में आप को जबाव दूंगा। इसके बाद प्रभारी मंत्री केके विश्नोई व मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और आहोर विधायक किसानों को वहीं छोड़ कर बिना वार्ता किए ही निकल गए। भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष रतन सिंह कानीवाड़ा ने कहा- सरकार 7 दिन में जबाव देगी। ऐसा नहीं हुआ और सकारात्मक जबाव नहीं आया तो फिर आन्दोलन किया जाएगा। जिसकी अभी से तैयारी की जा रही है। अस्पतालों का सवाल टाल गए प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सवाल किया। कहा कि जालोर के सरकारी अस्पताल से यहां के मरीजों को संभाग स्तर पर रेफर करने के जगह पाली भेजा जा रहा है। इसका जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा- सांचौर के निजी अस्पतालों की प्रशंसा की। कहा- आज सांचौर जो जालोर जिले में है और मेडिकल हब बना हुआ है। जिस पर मीडिया ने कहा कि जालोर का गरीब व्यक्ति सरकारी अस्पतालों की जगह सांचौर के निजी अस्पताल जाएगा। इस पर मंत्री ने यह सवाल टाल दिया। शपथ के बाद ड्राइवर बिना सीट बेल्ट निकला प्रभारी मंत्री विश्नोई ने नगर परिषद में कार्यक्रम में मौजूद नर्सिग स्टाफ, छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों को सड़क नियमों की पालना करने के लिए शपथ दिलाई। इसके बाद मंत्री अपनी कार में बैठ कर रवाना हुए। इस दौरान कार का ड्राइवर बिना सीट बेल्ट लगाए ही चल पड़ा। इस नगर परिषद के गेट के बाहर खड़े लोगों ने वीडियो बनाते हुए नियमों के पालना की बात की। विश्नोई के ड्राइवर ने कहा- अभी चला हूं, अभी लगा रहा हूं। इसके बाद मंत्री ने तो सीट बेल्ट लगा लिया, लेकिन ड्राइवर ने नहीं लगाया।

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