रीवा के निजी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा की पिटाई का मामला अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद और एनएसयूआई दोनों ने जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई न करने और निजी स्कूलों को जरूरत से ज्यादा ढील देने के आरोप लगाए हैं। जहां एक तरफ लगातार इस तरह की घटनाओं पर विद्यार्थी परिषद ने आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं, एनएसयूआई ने थाने जाकर थाना प्रभारी से बच्ची से मारपीट की घटना पर मुलाकात कर कड़ी कार्रवाई की मांग रखी। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को चेतावानी दी है। विद्यार्थी परिषद बोली- उग्र आंदोलन करेंगे विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक पीएन पांडेय ने कहा कि छात्रा की जिस तरह छात्रा की पिटाई की गई, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जिला शिक्षा अधिकारी ऐसे विद्यालयों पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करते। इससे पहले भी ज्योति किंडर गार्डन स्कूल का मामला सामने आया था, जिसमें बच्चे को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। उस समय मानवाधिकार आयोग और बाल आयोग के हस्तक्षेप के बाद ही FIR दर्ज हुई थी। पांडेय ने कहा कि इस बार तो छात्रा की आंख सूज गई है और कान से खून बहने की बात सामने आई है। अगर शिक्षा विभाग ने सख्ती नहीं दिखाई तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करेगी। एनएसयूआई ने कहा-अधिकारी AC चेंबर में बैठ आराम फरमा रहे एनएसयूआई जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी के सुस्त रवैये से निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ती जा रही है। अधिकारी AC चेंबर में बैठ आराम फरमा रहे हैं, जबकि स्कूल संचालक मोटी फीस वसूलकर बच्चों पर अत्याचार कर रहे हैं। जिले की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। एनएसयूआई ने थाने जाकर थाना प्रभारी से मुलाकात की और छात्रा की पिटाई के मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे भी आंदोलन करेंगे।


