अंबिकापुर। कांकेर में हिंसा (Kanker violence) और कथित धर्मांतरण (Conversion) के विरोध में सर्व समाज ने छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया, जिसका सरगुजा में मिला-जुला असर देखने को मिला। सुबह से सर्व समाज के पदाधिकारियों ने अंबिकापुर शहर में दुकानों को बंद कराया, लेकिन दोपहर बाद व्यापारियों ने दुकानें खोल लीं, क्योंकि क्रिसमस त्यौहार में खरीदारी प्रभावित होने से व्यापारियों में निराशा थी। ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानें सामान्य रूप से खुली रहीं।
सर्व समाज द्वारा सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक दुकानें बंद रखने व्यापारियों से आह्वान किया गया था। सुबह से सर्व समाज दुकानें बंद कराने (Kanker violence) में जुटा रहा। इसके बाद शहर के गांधी चौक स्थित डाटा सेंटर के सामने सभा का आयोजन किया, जिसमें अजय इंगोले ने कहा कि धर्मांतरण की घटनाएं हिन्दू समाज और हमारी संस्कृति पर हमला हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सीधे-साधे लोगों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण (Kanker violence) कराया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभा के बाद सर्व समाज की एक रैली कलेक्टोरेट पहुंची, जहां ज्ञापन सौंपा गया।
Kanker violence: दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
ज्ञापन में उल्लेख किया है कि कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र में हाल ही में हुई हिंसा और कथित धर्मांतरण की घटनाओं के विरोध में सर्व समाज, छत्तीसगढ़ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में सर्व समाज ने आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरी समूहों और भीम आर्मी के तत्वों ने जनजातीय समाज पर हमले किए, शवों को जबरन दफन किया और सामाजिक सौहार्द को बिगाडऩे की कोशिश की।
सर्व समाज ने इस घटनाक्रम (Kanker violence) को गंभीरता से लिया है और प्रदेशव्यापी बंद और धरने का आयोजन किया था। उन्होंने सरकार से मांग की है कि धर्मांतरण पर नियंत्रण के लिए सख्त कानून लागू किया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।


