भास्कर न्यूज | हसनपुरा प्रखंड के सहुली पंचायत अंतर्गत टोला फलदूधिया व उसरी गांव में कालाजार उन्मूलन को लेकर विशेष खोजी अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 23 दिसम्बर से शुरू हुआ है, जो 30 दिसम्बर तक लगातार जारी रहेगा। अभियान का उद्देश्य संभावित कालाजार मरीजों की समय रहते पहचान कर उनका उपचार सुनिश्चित करना है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बीसीएम सुनीता कुमारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से पूछताछ कर रही हैं। बुखार, वजन घटना, तिल्ली का बढ़ना, कमजोरी जैसे लक्षण पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को चिन्हित कर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा जा रहा है। जहां फलदूधिया गांव में आशा कार्यकर्ता नीतू देवी जबकि उसरी गांव में आशा कार्यकर्ता दुर्गावती देवी द्वारा सघन खोजी अभियान चलाया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता ग्रामीणों को कालाजार के लक्षण, बचाव के उपाय एवं समय पर इलाज के महत्व की जानकारी भी दे रही हैं। बीसीएम ने बताया कि कालाजार एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य बीमारी है। समय पर जांच और उपचार से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि यदि किसी भी प्रकार के लक्षण नजर आएं तो छिपाएं नहीं, बल्कि तुरंत आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करें। भास्कर न्यूज | हसनपुरा प्रखंड के सहुली पंचायत अंतर्गत टोला फलदूधिया व उसरी गांव में कालाजार उन्मूलन को लेकर विशेष खोजी अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 23 दिसम्बर से शुरू हुआ है, जो 30 दिसम्बर तक लगातार जारी रहेगा। अभियान का उद्देश्य संभावित कालाजार मरीजों की समय रहते पहचान कर उनका उपचार सुनिश्चित करना है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बीसीएम सुनीता कुमारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से पूछताछ कर रही हैं। बुखार, वजन घटना, तिल्ली का बढ़ना, कमजोरी जैसे लक्षण पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को चिन्हित कर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजा जा रहा है। जहां फलदूधिया गांव में आशा कार्यकर्ता नीतू देवी जबकि उसरी गांव में आशा कार्यकर्ता दुर्गावती देवी द्वारा सघन खोजी अभियान चलाया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता ग्रामीणों को कालाजार के लक्षण, बचाव के उपाय एवं समय पर इलाज के महत्व की जानकारी भी दे रही हैं। बीसीएम ने बताया कि कालाजार एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य बीमारी है। समय पर जांच और उपचार से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि यदि किसी भी प्रकार के लक्षण नजर आएं तो छिपाएं नहीं, बल्कि तुरंत आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करें।


