हरियाणा राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (HVSCB) ने सस्पेंड CBI-ED स्पेशल कोर्ट के जस्टिस (पंचकूला) सुधीर परमार के खिलाफ डिटेल्ड चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में कई अहम खुलासे किए गए हैं। चार्जशीट में कुछ ऐसी ऑडियो रिकॉर्डिंग का भी जिक्र किया गया है, जिसमें जस्टिस परमार की भूमिका पूरी तरह से संदेहास्पद लग रही है। सबसे अहम बात यह है कि चार्जशीट में संयुक्त सहयोग समझौते (IREO-M3M) के तहत प्रॉपर्टियों को ईडी द्वारा कभी भी कुर्क नहीं किया गया। ये भी कहा गया है कि ईडी ऑफिसर्स, इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर की भूमिका जांच के दायरे में है। चार्जशीट में जस्टिस परमार द्वारा अवैध रूप से अर्जित किए गए पैसे से कई लग्जरी गाड़ियां खरीदी गईं। जिन गाड़ियों का ईडी ने चार्जशीट में नाम के साथ उल्लेख किया है। यहां पढ़िए क्या है पूरा मामला…. अप्रैल, 2023 में दर्ज हुई एफआईआर, 5-7 करोड़ मांगने का आरोप
अप्रैल 2023 में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB- पुराना नाम) की ओर से पंचकूला में विशेष PMLA अदालत में तैनात पूर्व जज सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और रूप कुमार बंसल के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पंचकूला विशेष अदालत के निलंबित जस्टिस सुधीर परमार को कथित रिश्वतखोरी के आरोप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया जा चुका है। एफआईआर में परमार एक केस में आरोपियों की मदद के बदले में 5 से 7 करोड़ रुपए मांग रहे हैं तो वॉट्सऐप चैट में उन्हें IREO केस के आरोपियों द्वारा 5 करोड़ रुपए दिए जाने का भी जिक्र है। FIR में यह भी कहा गया कि सुधीर परमार का भतीजा अजय परमार रियल एस्टेट कंपनी M3M में बतौर कानूनी सलाहकार नियुक्त है और सुधीर परमार डीलिंग के लिए उसी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे। M3M के डायरेक्टर रूप कुमार बंसल और सुधीर परमार की बातचीत का जिक्र भी FIR में है। गुरुग्राम में तैनाती के वक्त हुआ था संपर्क
पंचकूला में न्यायिक पदस्थापना से पहले सुधीर परमार गुरुग्राम में कार्यरत थे, जहां उनका संपर्क M3M और IREO प्रमोटरों से हुआ। उनके भतीजे अजय को दिसंबर 2020 में M3M में उप-प्रबंधक (कानूनी) के पद पर 8-10 लाख रुपए एनुअल की सैलरी पर नियुक्त किया गया था। परमार के सीबीआई-ईडी जज बनने के बाद कथित तौर पर वेतन बढ़ाकर 18-20 लाख रुपए कर दिया गया। एफआईआर के अनुसार, परमार ने 12 अगस्त, 2022 को रूप बंसल के साथ उनके आवास पर लंबित आईआरईओ-एम3एम मामलों पर चर्चा करके नैतिकता का उल्लंघन किया। इस मीटिंग में, बंसल ने परियोजना भूमि की रजिस्ट्री के लिए ईडी की अनुमति के संबंध में मदद मांगी। यहां सिलसिलेवार पढ़िए चार्जशीट में क्या क्या… 7-8 महीने में कमा लिए 7 से 8 करोड़ रुपए
HVSCB के अनुसार, परमार और उनके परिवार के मेंबरों ने लोन चुकाने की क्षमता नहीं होने के बावजूद, केवल 3-4 महीनों के भीतर 7-8 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीद ली। चार्जशीट में कहा गया है कि परमार 18 नवंबर, 2021 को पंचकूला में सीबीआई-ईडी की स्पेशल कोर्ट में जस्टिस के रूप में नियुक्त हुए थे। इसके तुरंत बाद, जनवरी 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आईआरईओ (IREO) के ललित गोयल के खिलाफ घर खरीदारों के धन की हेराफेरी करने और देश के बाहर 1,777.48 करोड़ रुपए भेजने के आरोप में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (PC) रजिस्टर्ड की। IREO और M3M के बीच लेनदेन
ED की प्रॉपर्टी कुर्की की कार्रवाई के दौरान, आईआरईओ और एम3एम ग्रुप के बीच गुरुग्राम के सेक्टर 61 में 22.61875 एकड़ और सेक्टर 58 में 30.256 एकड़ के लिए एग्जिक्यूट कोऑपरेशन एग्रीमेंट किए गए। इसके अलावा राजस्थान के भिवाड़ी में लगभग 78 एकड़ को कवर करने वाले 5 डेवलपमेंट एग्रीमेंट किए गए। एम3एम ने डेवलपमेंट राइट्स के लिए आईआरईओ को 700-800 करोड़ रुपए का पेमेंट किया। एसवी एंड एसीबी को उपलब्ध कराई गई ऑडियो रिकॉर्डिंग के अनुसार, रूप बंसल ने जस्टिस परमार का इस्तेमाल करके ललित गोयल पर जमीन की रजिस्ट्री कराने का दबाव बनाया। परमार की बातचीत का भी दिया हवाला
चार्जशीट में ऐसी ही एक बातचीत का हवाला दिया गया है, जिसमें परमार ने आश्वासन दिया था कि संपत्तियां कुर्क नहीं की जाएंगी। इस दावे की पुष्टि ईडी के 14 अक्टूबर, 2022 के कुर्की आदेश से होती है, जिसमें ये संपत्तियां शामिल नहीं थीं। चार्जशीट में कहा गया है, एक अज्ञात व्यक्ति के साथ बातचीत के दौरान परमार ने दावा किया कि उन्होंने रूप बंसल को ईडी के मामलों में आरोपी नहीं बनने दिया। परमार ने पैसा प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट किया
विजिलेंस एजेंसी ने चार्जशीट में दावा किया है कि गुरुग्राम के सेक्टर 82 स्थित सिग्नेचर एवेन्यू में 327.96 वर्ग गज का प्लॉट परमार की भाभी पुष्पा देवी के नाम पर 15 अप्रैल, 2022 की तारीख वाले एक कन्वेयन्स डीड के जरिए 1.80 करोड़ रुपए में खरीदा गया था, जबकि इसका बाजार मूल्य 4.25-4.40 करोड़ रुपए से अधिक था। इस प्लॉट के लिए बाकी भुगतान रिश्वत के पैसे से किया गया है। बयाना 50 लाख रुपए दिया गया था, जबकि बचा हुआ पेमेंट पोस्ट-डेटेड चेक से किया गया। इसके अलावा पटौदी-गुरुग्राम रोड के किनारे सांपका गांव में 10 कनाल जमीन का उल्लेख है, जिसे 29 अप्रैल, 2022 को परमार के भतीजे अजय, मोहन लाल शर्मा और साईं ट्रांसपोर्ट के मालिक रोहित सिंह तोमर ने संयुक्त रूप से 20:40:40 के अनुपात में मात्र 1.01 करोड़ रुपए में खरीदा था। इसकी बाजार कीमत 6 करोड़ रुपए थी। 11 जनवरी, 2022 को अजय शर्मा की ओर से तोमर को भेजे गए एक व्हाट्सएप संदेश से कथित तौर पर पुष्टि होती है कि वास्तविक दर 5.3 करोड़ रुपए थी, जिसमें एक शेयर न्यायाधीश के नाम पर दिखाया गया था। इसे बाद में रजिस्ट्रेशन के दौरान अजय के नाम पर बदल दिया गया। इसके अलावा, गुरुग्राम में पुष्पा देवी के बहुमंजिला घर के निर्माण पर 1.5-2 करोड़ रुपए का खर्च आया, जबकि सीएनजी/पेट्रोल पंप लगाने में 1 करोड़ रुपए और खर्च हुए। ब्यूरो के अनुसार, परिवार ने 2.7 करोड़ रुपए का कर्ज भी लिया था। रिकॉर्डिंग में भी अहम खुलासे
एम3एम के मालिक रूप बंसल के साथ एक अन्य रिकॉर्डिंग में सुधीर परमार ने यह भी वादा किया कि अगर उन्हें (रूप बंसल) सीबीआई मामले में छोड़ दिया जाता है, तो वह उन्हें ईडी मामले में आरोपी नहीं बनने देंगे। डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि 1200 करोड़ रुपए की संपत्ति से संबंधित एक अन्य रिकॉर्डिंग में सुधीर परमार ने दावा किया है कि उन्होंने सुनील यादव (ईडी ऑफिसर) से बात की है और वह इसे कुर्क नहीं होने देंगे, बशर्ते कि धन के लेन-देन का कोई औचित्य दिखाया जाए। जिस रिकॉर्डिंग का चार्जशीट में जिक्र, उसमें क्या… रूप बंसल: सर (परमार), मेरी एक रिक्वेस्ट है कि एक रजिस्ट्री करवानी है।
जज: मैंने कहा है सुनील (ईडी अधिकारी) को, सुनील बोलेया कि मैंने बोल दिया है। साकेत (उप निदेशक, ईडी) को मैंने सीधे बोल दिया है, आईआरएस है। आईओ के काम होते हैं, बिना उसके मनोज मिश्रा (ईडी अधिकारी) के बजाय साकेत से मिल ले, साकेत सारे डॉक्यूमेंट देख कर बताएगा… अगर कागज पक्के हैं, परमिशन मिल जाएगी। ——————–
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