पुरनहिया प्रखंड के थाना परिसर में जनता दरबार:ग्रामीणों ने जमीन से जुड़े आवेदन किए, एक पक्ष की उपस्थिति की वजह से विवादों का समाधान स्थगित

पुरनहिया प्रखंड के थाना परिसर में जनता दरबार:ग्रामीणों ने जमीन से जुड़े आवेदन किए, एक पक्ष की उपस्थिति की वजह से विवादों का समाधान स्थगित

शिवहर जिले के पुरनहिया प्रखंड के थाना परिसर में शनिवार को बिहार सरकार द्वारा प्रायोजित जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस जनता दरबार में अंचलाधिकारी पल्लवी कुमारी और थानाप्रभारी प्रेम सिंह उपस्थित रहे। ग्रामीणों ने अपनी जमीन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए आवेदन जमा किए। हालांकि, इस जनता दरबार में किसी भी मामले का निपटारा नहीं हो सका। इसका मुख्य कारण यह रहा कि सुनवाई के लिए केवल एक पक्ष के लोग ही उपस्थित हुए, जबकि दूसरा पक्ष मौजूद नहीं था। अंचलाधिकारी पल्लवी कुमारी ने बताया कि जमीन संबंधी विवादों के समाधान के लिए वादी और प्रतिवादी दोनों पक्षों की उपस्थिति अनिवार्य है। यदि एक पक्ष उपस्थित होता है और दूसरा नहीं, तो ऐसे मामलों में निर्णय लेना संभव नहीं होता। उन्होंने जानकारी दी कि अगले शनिवार को स्थानीय थाने द्वारा वादी और प्रतिवादी दोनों को नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाएगा। अगले सप्ताह दोनों पक्षों के उपस्थित होने पर उनके मामलों पर विचार-विमर्श कर समाधान निकाला जाएगा। अंचलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही सही निर्णय लिया जाएगा। शिवहर जिले के पुरनहिया प्रखंड के थाना परिसर में शनिवार को बिहार सरकार द्वारा प्रायोजित जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस जनता दरबार में अंचलाधिकारी पल्लवी कुमारी और थानाप्रभारी प्रेम सिंह उपस्थित रहे। ग्रामीणों ने अपनी जमीन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए आवेदन जमा किए। हालांकि, इस जनता दरबार में किसी भी मामले का निपटारा नहीं हो सका। इसका मुख्य कारण यह रहा कि सुनवाई के लिए केवल एक पक्ष के लोग ही उपस्थित हुए, जबकि दूसरा पक्ष मौजूद नहीं था। अंचलाधिकारी पल्लवी कुमारी ने बताया कि जमीन संबंधी विवादों के समाधान के लिए वादी और प्रतिवादी दोनों पक्षों की उपस्थिति अनिवार्य है। यदि एक पक्ष उपस्थित होता है और दूसरा नहीं, तो ऐसे मामलों में निर्णय लेना संभव नहीं होता। उन्होंने जानकारी दी कि अगले शनिवार को स्थानीय थाने द्वारा वादी और प्रतिवादी दोनों को नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाएगा। अगले सप्ताह दोनों पक्षों के उपस्थित होने पर उनके मामलों पर विचार-विमर्श कर समाधान निकाला जाएगा। अंचलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही सही निर्णय लिया जाएगा।  

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