गयाजी में जनता दल यूनाइटेड का कार्यकर्ता सम्मान हुआ। भीतर नेताओं ने भाषण दिया, समाजवाद और सुशासन की बातें गूंज रही थीं, तो वहीं बाहर कार्यकर्ता में नाराजगी दिखी। नाराज कार्यकर्ताओं का आरोप साफ था। वे कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे। उम्मीद थी कि सम्मान मिलेगा और बैठने की उचित जगह होगी। लेकिन न सम्मान मिला, न बैठने के लिए कुर्सी मिली। नतीजा यह कि कार्यकर्ता हाल से बाहर निकले और वहीं से घर लौटने का मन बना लिया। दिलचस्प यह भी कि उन्हें मनाने की कोशिश भी हुई। किसी ने बाहर आकर बुलाया। मंच से जिलाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद ने भी अपील की। लेकिन बिदके कार्यकर्ता अंदर नहीं गए। नाराजगी जताने वालों में प्रदेश सचिव चंदन यादव, प्रखंड अध्यक्ष अजित शर्मा, जिला सचिव बब्बन चंद्रवंशी, जिला प्रवक्ता अवध बिहारी पटेल और घोड़ाघाट से आए जिला सचिव इज्जमाम जैसे नाम शामिल रहे। नीतीश कुमार को ईमानदारी का प्रतीक बताया जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने नीतीश कुमार को ईमानदारी का प्रतीक बताया। समाजवाद की विरासत, कर्पूरी ठाकुर की याद और समता पार्टी से जदयू तक के संघर्ष का बखान हुआ। जीविका दीदी की तारीफ हुई। सरकार की योजना 10 हजार की सहायता और 2 लाख के रोजगार समर्थन को उपलब्धि बताया गया। बिना नाम लिए तेजस्वी यादव पर तंज भी चला। यह योजना नौवीं के छात्र को समझ नहीं आएगी। इस योजना के पीछे उद्यमिता की पहचान और बढ़ावा है। बेलागंज की विधायक मनोरमा देवी को ‘लक्ष्मीबाई’ बताकर चुनावी विजय का श्रेय भी बांटा गया। समस्तीपुर से आए विधायक महेश्वर हजारी ने कार्यकर्ताओं की मेहनत का गुणगान किया। संदेश दिया कि सरकार सत्ता में है, तो कार्यकर्ता भी सत्ता में हैं। बेलागंज की विधायक मनोरमा देवी ने सुरक्षा और संरक्षण की गारंटी दी। समाधान का भरोसा दिया अध्यक्षता जिलाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद ने की। कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर पूछे गए सवालों के जवाब में अरुण कुमार ने इसे छोटी-बड़ी बात बताया। समाधान का भरोसा दिया। मंच पर महागठबंधन समर्थकों की मौजूदगी के आरोप पर अनुशासन समिति द्वारा समीक्षा की बात कही। इस मौके पर पार्टी के वरीय नेता अरविंद सिंह, अजय कुशवाहा, सतीश पटेल आदि भी मौजूद रहे। गयाजी में जनता दल यूनाइटेड का कार्यकर्ता सम्मान हुआ। भीतर नेताओं ने भाषण दिया, समाजवाद और सुशासन की बातें गूंज रही थीं, तो वहीं बाहर कार्यकर्ता में नाराजगी दिखी। नाराज कार्यकर्ताओं का आरोप साफ था। वे कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे। उम्मीद थी कि सम्मान मिलेगा और बैठने की उचित जगह होगी। लेकिन न सम्मान मिला, न बैठने के लिए कुर्सी मिली। नतीजा यह कि कार्यकर्ता हाल से बाहर निकले और वहीं से घर लौटने का मन बना लिया। दिलचस्प यह भी कि उन्हें मनाने की कोशिश भी हुई। किसी ने बाहर आकर बुलाया। मंच से जिलाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद ने भी अपील की। लेकिन बिदके कार्यकर्ता अंदर नहीं गए। नाराजगी जताने वालों में प्रदेश सचिव चंदन यादव, प्रखंड अध्यक्ष अजित शर्मा, जिला सचिव बब्बन चंद्रवंशी, जिला प्रवक्ता अवध बिहारी पटेल और घोड़ाघाट से आए जिला सचिव इज्जमाम जैसे नाम शामिल रहे। नीतीश कुमार को ईमानदारी का प्रतीक बताया जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार ने नीतीश कुमार को ईमानदारी का प्रतीक बताया। समाजवाद की विरासत, कर्पूरी ठाकुर की याद और समता पार्टी से जदयू तक के संघर्ष का बखान हुआ। जीविका दीदी की तारीफ हुई। सरकार की योजना 10 हजार की सहायता और 2 लाख के रोजगार समर्थन को उपलब्धि बताया गया। बिना नाम लिए तेजस्वी यादव पर तंज भी चला। यह योजना नौवीं के छात्र को समझ नहीं आएगी। इस योजना के पीछे उद्यमिता की पहचान और बढ़ावा है। बेलागंज की विधायक मनोरमा देवी को ‘लक्ष्मीबाई’ बताकर चुनावी विजय का श्रेय भी बांटा गया। समस्तीपुर से आए विधायक महेश्वर हजारी ने कार्यकर्ताओं की मेहनत का गुणगान किया। संदेश दिया कि सरकार सत्ता में है, तो कार्यकर्ता भी सत्ता में हैं। बेलागंज की विधायक मनोरमा देवी ने सुरक्षा और संरक्षण की गारंटी दी। समाधान का भरोसा दिया अध्यक्षता जिलाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद ने की। कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर पूछे गए सवालों के जवाब में अरुण कुमार ने इसे छोटी-बड़ी बात बताया। समाधान का भरोसा दिया। मंच पर महागठबंधन समर्थकों की मौजूदगी के आरोप पर अनुशासन समिति द्वारा समीक्षा की बात कही। इस मौके पर पार्टी के वरीय नेता अरविंद सिंह, अजय कुशवाहा, सतीश पटेल आदि भी मौजूद रहे।


