बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने और उच्च प्रशिक्षित साइंटिस्ट के जरिये दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) बरेली ने नई पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रोजगार-कौशल विकास नीति को नई दिशा देते हुए संस्थान ने पहली बार बीटेक इन डेयरी टेक्नोलॉजी कोर्स शुरू किया है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कोर्स युवाओं को विश्वस्तरीय तकनीकी ज्ञान देने के साथ ही डेयरी उद्योग में रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर पैदा करेगा। यह कोर्स न सिर्फ दूध उत्पादन में नवाचार बढ़ाएगा बल्कि प्रसंस्करण, पैकेजिंग, कोल्ड चेन, डेयरी मशीनरी, बायो प्रोसेसिंग और क्वालिटी कंट्रोल में लाखों नौकरियों का मार्ग खोल सकता है। युवा मिल्क एक्सपर्ट के रूप में सरकारी-निजी क्षेत्रों, डेयरी कंपनियों, स्टार्टअप्स, पशुपालन इकाइयों, अनुसंधान परियोजनाओं और निर्यात उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।
वरिष्ठ विज्ञानियों की निगरानी में कौशल विकास, चार साल की होगी पढ़ाई
चार वर्ष की इस पढ़ाई में वैज्ञानिक शोध, प्रयोगशाला अनुभव और उद्योग स्तर की ट्रेनिंग शामिल है। स्टूडेंट्स दूध उत्पादन की एडवांस तकनीक, गुणवत्ता परीक्षण, रोग रोकथाम, प्रजनन प्रबंधन, प्रोसेसिंग और डेयरी इंजीनियरिंग जैसे विषयों पर केंद्रित ज्ञान हासिल करेंगे। अभी तक देश में चुनिंदा संस्थान जैसे एनडीआरआई करनाल, बिहार एनिमल एंड साइंस यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के बाद अब आइवीआरआइ भी इस वैज्ञानिक श्रेणी में शामिल हो गया है। संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डॉ. एसके मेंदीरत्ता ने बताया कि वर्तमान वर्ष में 15 छात्रों को प्रवेश दिया गया है। आगे सीटें बढ़ाई जाएंगी।
भारत का दूध उत्पादन दुनिया में नंबर वन, भविष्य उज्ज्वल
आइवीआरआइ के वैज्ञानिक डॉ. आरके सेन ने बताया कि भारत में 250 मिलियन टन वार्षिक दूध उत्पादन होता है। 25 प्रतिशत से अधिक वैश्विक हिस्सेदारी है। 471 ग्राम प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति उपलब्धता है। 5.7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर है। इसमें 15.72 प्रतिशत दूध उत्पादन में योगदान उत्तर प्रदेश का है। पिछले लगभग एक दशक में दूध उत्पादन में 63.56 प्रतिशत वृद्धि देश भर में हुई है। यह तथ्य दर्शाते हैं कि डेयरी सेक्टर आने वाले वर्षों में सबसे बड़ा रोजगार और निर्यात उद्योग बन सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने डेयरी उद्योग, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण और कौशल विकास पर विशेष फोकस रखा है। युवाओं को रोजगार और किसानों को आय वृद्धि से जोड़ने की यह रणनीति प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति दे रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह कोर्स कृषि और डेयरी आधारित अर्थव्यवस्था में क्रांति लाने की क्षमता रखता है।


