सरकार द्वारा मिड-डे-मील में बच्चों को पोषक तत्व मिल सके इसके लिए 8 ग्राम शहद देने की तैयारी है। इधर, नवंबर से ही स्कूलों के बच्चों को मिड-डे-मील में दूध तक तक नसीब नहीं हो रहा, जबकि 3 दिसंबर को भास्कर में द्वारा स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे-मील में दूध न मिलने का मुद्दा उठाया था। जिसके बाद से शिक्षा विभाग ने स्कूलों में मिल्क पाउडर बांटने का दावा किया था। पर, आज तक स्कूलों में मिल्क पाउडर की सप्लाई तक नहीं हुई। वहीं सरकार ने स्कूली बच्चों को मिडडे मील में अब प्रति बच्चे के हिसाब से 8 ग्राम शहद दिए जाने की भी घोषणा की है परंतु जमीनी हकीकत जानने के लिए जब भास्कर संवाददाता ने स्कूलों का दौरा किया तो कई जगह बच्चों को दूध तक नसीब होता नहीं दिखाई दिया। जिससे दावों की पोल खुलती नजर आई। अक्टूबर से मार्च, 2026 तक का है अनुबंध कागजों में तमाम घोषणाएं होती हैं उन्हीं में से आरसीडीएफ (राज्य सहकारी दुग्ध संघ) से अक्टूबर 2025 मार्च 2026 तक का टाइअप किया था। उसके बावजूद आज तक सप्लाई का काम पूर्ण शुरू ही नहीं हो पाया। वहीं, कई स्कूल पुराने स्टॉक से काम चला रहे थे। वह स्टॉक भी स्कूलों में अब खत्म होने लगा है। इधर, सरकार एक ओर लुभाने सपने दिखाने लगी है कि बच्चों को पोषण के लिए शहद भी दिया जाएगा। “मिड-डे-मील में बच्चों को शहद देने की चर्चा है। कब से बंटेगा तिथि तय नहीं है। मिल्क पाउडर की सप्लाई ऊपर से बंद है।”
-अतुल चतुर्वेदी ( डीईओ एलीमेंट्री)


