बदायूँ। उघेती थाना क्षेत्र के खितौरा गांव में दिनदहाड़े लूट के प्रयास के मामले में पुलिस की लापरवाही भारी पड़ गई। डीआईजी अजय कुमार साहनी की समीक्षा बैठक से पहले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सख्त रुख अपनाते हुए थाना इंचार्ज समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है।
एसएसपी ने प्रारंभिक जांच में ड्यूटी में गंभीर चूक पाए जाने पर उघेती थाना प्रभारी अवधेश कुमार, चौकी इंचार्ज अश्वनी कुमार और सिपाही राजेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साफ किया गया कि अपराध के समय पुलिस की मौजूदगी और कार्रवाई संतोषजनक नहीं रही।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पूरे मामले की मॉनिटरिंग बरेली रेंज के डीआईजी अजय साहनी स्वयं कर रहे हैं। अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि विवेचना में किसी तरह की ढिलाई न हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
अपराध पर डीआईजी का सख्त रुख, अफसरों की लगी क्लास
इधर, बदायूँ में लगातार बढ़ते अपराधों को लेकर डीआईजी का गुस्सा भी खुलकर सामने आया। सोमवार शाम बदायूँ पहुंचे डीआईजी ने समीक्षा बैठक में थानेदारों और सर्किल ऑफिसरों को दो टूक चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि दिनदहाड़े लूट और रात की वारदातें पुलिस की नाकामी को दर्शाती हैं। अगर जनता खुद बदमाशों से भिड़ने को मजबूर हो रही है, तो यह कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। बैठक में कमजोर गश्त, फेल सूचना तंत्र और अपराधियों पर ढीली निगरानी को लेकर कड़ी नाराजगी जताई गई। डीआईजी ने स्पष्ट कहा कि अब बहाने नहीं चलेंगे। जिस इलाके में वारदात होगी, वहां का थानेदार और संबंधित अधिकारी सीधे जिम्मेदार माने जाएंगे।
काम में सुधार या कार्रवाई तय
डीआईजी ने अफसरों को साफ संदेश दिया कि सड़कों पर पुलिस का खौफ दिखना चाहिए, न कि अपराधियों का। गश्त मजबूत की जाए, हिस्ट्रीशीटरों पर नजर रखी जाए और हर वारदात का समयबद्ध खुलासा हो। बैठक के बाद कई अधिकारियों पर कार्रवाई की आशंका से पुलिस महकमे में बेचैनी साफ दिखी।


