जयपुर के चौमूं कस्बे में शुक्रवार तड़के (26 दिसंबर) भारी तनाव की स्थिति पैदा हो गई। बस स्टैंड स्थित कालिंद्री मस्जिद के पास यातायात में बाधा बन रहे पत्थरों को हटाने की कार्रवाई के दौरान समुदाय विशेष के लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। भीड़ द्वारा किए गए भारी पथराव में करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं, जिसके बाद पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
पुलिस की चेतावनी को किया अनसुना
घटना से पहले चौमूं थानाधिकारी सतीश शर्मा ने प्रदर्शनकारियों को सख्त हिदायत दी थी। उन्होंने मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध लोगों से बातचीत के बाद ही यह निर्णय लिया था। थानाधिकारी ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर लोगों को अफवाहों से बचने और कानून हाथ में न लेने की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी नहीं माने और पुलिस जाब्ते पर पत्थरों की बारिश कर दी। स्थिति को अनियंत्रित होता देख पुलिस को ‘हल्का बल प्रयोग’ करना पड़ा और उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
ट्रैफिक सुधार की कार्रवाई पर भड़का विवाद
प्रशासन के अनुसार, चौमूं बस स्टैंड के पास कालिंद्री मस्जिद के बाहर लंबे समय से कुछ पत्थर पड़े थे, जिससे आवागमन में बाधा आ रही थी। पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल यातायात सुचारु करने के लिए की जा रही थी और इसका मस्जिद के धार्मिक ढांचे से कोई संबंध नहीं था। हालांकि, आधी रात के बाद जब पुलिस प्रशासन पत्थर हटाने पहुंचा, तो वहां मौजूद भीड़ ने विरोध शुरू कर दिया और अचानक पथराव कर दिया।
भारी पुलिस जाब्ता तैनात, आला अधिकारियों ने संभाला मोर्चा
तनाव की गंभीरता को देखते हुए जयपुर से स्पेशल ऑपरेशन कमिश्नर राहुल प्रकाश और अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर डॉ. राजीव पचार तुरंत मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने खुद मोर्चा संभालते हुए प्रभावित इलाकों में गश्त की। फिलहाल मौके पर आरएसी (RAC) की टुकड़ियां और कई थानों का पुलिस बल तैनात है।
प्रशासन की सख्त चेतावनी: अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
पुलिस प्रशासन ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। स्पेशल कमिश्नर राहुल प्रकाश ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक और आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने वालों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने दोहराया है कि मार्ग से पत्थर हटाना केवल जनहित और सुगम यातायात के लिए था।


