इस राज्य में सरकार के पास दस साल से पड़े हैं लोगों के 3400 करोड़ रुपये, कोई लेने नहीं आ रहा

इस राज्य में सरकार के पास दस साल से पड़े हैं लोगों के 3400 करोड़ रुपये, कोई लेने नहीं आ रहा

कर्नाटक से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। प्रदेश की बैंकों में 34,00 करोड़ रुपये दस साल से लावारिस पड़े हैं। इन्हें लेने के लिए कोई नहीं आ रहा है। वहीं इसके लिए RBI द्वारा एक अभियान चलाया जा रहा है, जिससे खाताधारकों तक पहुंचा जा सके। यह जानकारी जिला परामर्श समिति (DCC) और जिला स्तरीय समीक्षा समिति (DLRC) की बैठक में अधिकारियों ने दी। 

तीन महीनों से चलाया जा रहा अभियान

आरबीआई बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय के सहायक महाप्रबंधक अरुण कुमार ने कहा कि आरबीआई पिछले तीन महीनों से डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) के तहत राज्यव्यापी विशेष अभियान चला रहा है, जिसका उद्देश्य इन पैसों को उनके मालिक तक पहुंचाना है। 

80 प्रतिशत खातों में 10 हजार से कम रुपये

उन्होंने आगे कहा कि यह अभियान 31 दिसंबर तक चलेगा, हालांकि इसके बाद भी जमाकर्ता अपने बैंक से संपर्क कर राशि का दावा कर सकते हैं। कुमार ने कहा कि करीब 80 प्रतिशत लावारिश खातों में 10 हजार रुपये से कम की राशि है। 

‘कई खातें पुराने हैं’

आरबीआई बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय के सहायक महाप्रबंधक ने कहा कि इन खातों में से कई पुराने भी हैं, जिनमें मोबाइल नंबर या केवाईसी अपडेट नहीं है। उन्होंने कहा कि कई खातों के मालिक भी जिंदा नहीं हैं। 

‘UDGAM पोर्टल से प्राप्त कर सकते हैं जानकारी’

कुमार ने बताया कि अभियान के पहले चरण में खातों में मोबाइल नंबर और ग्राहक विवरण अपडेट करने का काम किया जा रहा है। लावारिस जमाओं में बचत खाता, सावधि जमा (एफडी) और चालू खाते शामिल हैं। ग्राहक UDGAM पोर्टल के माध्यम से भी अपनी लावारिस जमा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

दक्षिण कन्नड़ जिले में करीब 6 लाख खातों में 140 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लावारिस है। अब तक DEAF योजना के तहत 830 खातों के जमाकर्ताओं को करीब 20 करोड़ रुपये लौटाए जा चुके हैं। यह जानकारी जिले की लीड बैंक जिला मुख्य प्रबंधक कविता शेट्टी ने दी है। 

बैठक में सांसद ने क्या कहा?

बता दें कि जिला परामर्श समिति और जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक में सांसद कैप्टन ब्रिजेश चौटा भी मौजूद रहे। उन्होंने इस मुद्दे पर व्यापक जनजागरूकता अभियान की जरूरत बताई। साथ ही बैंकों से पंपलेट और प्रत्यक्ष संपर्क के जरिए ग्राहकों को सक्रिय रूप से जानकारी देने का आग्रह किया। 

इसके अलावा सांसद ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही देरी पर चिंता जताई। ब्रिजेश चौटा ने PMJDY, PMJJBY, PMSBY और APY जैसी प्रमुख योजनाओं की प्रभावी डिलीवरी के लिए स्पष्ट कार्ययोजना बनाने की मांग की।

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