फतेहगढ़ उपखंड की रिवड़ी पंचायत अंतर्गत ग्राम भीयासर की कई ढाणियों में जल जीवन मिशन योजना के दावों की हकीकत जुदा नजर आ रही है। चार वर्ष पहले पाइपलाइन बिछाने और हर घर नल कनेक्शन का कार्य पूरा होने के बावजूद सऊओं की ढाणी, खोथों की ढाणी, सोढों की ढाणी और जाखड़ों की ढाणी के ग्रामीण आज भी पेयजल के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार इन ढाणियों की दूरी अधिक होने और जलस्तर ऊंचा होने के कारण बूस्टर पंप सेट लगाना अनिवार्य है।
इसी उद्देश्य से करीब दो वर्ष पहले पानी का होद बनाकर पम्प हाउस का निर्माण भी कर दिया गया था, लेकिन आज तक उसमें बूस्टर पंप स्थापित नहीं किया गया। नतीजा यह है कि पम्प हाउस शोपीस बना हुआ है और पाइपलाइन में पानी की एक बूंद तक नहीं पहुंची। पेयजल आपूर्ति ठप होने से गरीब किसान और पशुपालक वर्षों से टैंकरों पर निर्भर हैं। पीने और पशुधन के लिए महंगे दामों पर पानी मंगवाना उनकी आर्थिक कमर तोड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार विभागीय अधिकारियों को बार-बार मौखिक और लिखित शिकायतें दीं। अटल सेवा शिविर, उपखंड प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक भी समस्या पहुंचाई गई, लेकिन समाधान अब तक नहीं निकला।
यह है हकीकत
ऑनलाइन शिकायतों के जवाब में यह तर्क दिया गया कि ढाणियों में सरकारी ट्यूबवेल उपलब्ध हैं, जबकि हकीकत में नजदीकी सरकारी ट्यूबवेल ५ से ७ किलोमीटर दूर ग्राम फतेहगढ़ और भीयासर में स्थित हैं। जल जीवन मिशन के तहत बिछाई गई पाइपलाइन चार साल बाद भी सूखी पड़ी है, जबकि कागजों में कार्य प्रगति पर बताया जा रहा है।
इस संबंध में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग परियोजना खंड फतेहगढ़ के अधिशाषी अभियंता नरेन्द्रसिंह भाटी ने बताया कि संबंधित ढाणियों को भीयासर के उच्च जलाशय से जोडऩे के लिए सोलर बूस्टर पंप सेट प्रस्तावित है। पम्प हाउस और स्वच्छ जलाशय का सिविल कार्य पूर्ण हो चुका है। बूस्टर पंप की स्थापना और कमीशनिंग का कार्य संवेदक स्तर पर लंबित है। संवेदक को कई नोटिस दिए गए हैं और नियमानुसार पेनल्टी भी लगाई गई है।


