भिवानी में अखिल भारतीय किसान सभा ने सिवानी मंडी में बिजली बिल 2025 और बीज विधेयक 2025 की प्रतियां जलाईं। किसान नेताओं का कहना है कि इन विधेयकों के लागू होने से खेती पूरी तरह से कंपनियों के नियंत्रण में आ जाएगी। किसान सभा ने इन विधेयकों के विरोध में आज पूरे देश में गांव और तहसील स्तर पर प्रतियां जलाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान किसान सभा ने मांग की कि किसानों को फसलों के लिए यूरिया की सख्त जरूरत है, लेकिन उन्हें यह उपलब्ध नहीं हो रहा है। किसानों को यूरिया के लिए रोजाना लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। पहले डीएपी खाद के लिए भी ऐसी ही स्थिति थी। किसानों की फसलें नहीं खरीदी जा रही प्रदर्शन कर रहने नेताओं ने कहा कि किसानों की फसलें भी नहीं खरीदी जा रही हैं, जिससे बाजरा, मूंग और कपास की खुलेआम खरीद नहीं हो पा रही है। सरकार और उसके मंत्री यह प्रचार कर रहे हैं कि हरियाणा सरकार 24 फसलें खरीद रही है, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। बाजरे के लिए भावांतर देने का वादा किया गया था, लेकिन किसानों को अब तक भावांतर के पैसे नहीं मिले हैं। इसके अतिरिक्त, किसानों को बिजली के ट्यूबवेल कनेक्शन समय पर नहीं मिल रहे हैं। कई किसान पिछले कई सालों से इनका इंतजार कर रहे हैं। जिन ट्यूबवेलों के ट्रांसफॉर्मर जले हुए हैं, उन्हें भी समय पर नहीं बदला जा रहा है। अखिल भारतीय किसान सभा ने घोषणा की है कि आने वाले समय में इन मांगों को लेकर आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में ये किसान नेता हुए शामिल इस प्रदर्शन में किसान सभा के नेता दयानंद पूनिया, मास्टर उमराव सिंह, रामकिशन भाकर, बलवान बागड़ी, सुकर्म जागलान, एडवोकेट सुभाष श्योराण, माहबीर भौभीया, सुरेश बड़वा, अंतर कस्वां, राजबीर सिन्धु और राजबीर सिहाग सहित कई अन्य सदस्य शामिल थे।


