सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिमराही बाजार में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में कैंडल मार्च निकाला गया। यह प्रदर्शन सार्वजनिक दुर्गा मंदिर से शुरू होकर मुख्य चौक स्थित हनुमान मंदिर तक पहुंचा, जहां प्रदर्शनकारियों ने एक मिनट का मौन धारण कर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और भारत सरकार से कार्रवाई की मांग की। कैंडल मार्च एनएच 27 से होते हुए आगे बढ़ा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘बांग्लादेश मुर्दाबाद’ और ‘बांग्लादेश सरकार व जिहादियों पर कार्रवाई करें’ जैसे नारे लगाए। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की। इस अवसर पर संत अमरजीत ने कहा कि बांग्लादेश में चरमपंथियों और जिहादियों द्वारा हिंदुओं की निर्मम हत्याएं जघन्य अपराध हैं। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि यदि बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं, तो भारत उनके लिए अपने द्वार खोले और वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं को आश्रय देकर उनके जीवन की रक्षा करे। दिलीप पूर्वे ने बताया कि बांग्लादेश में शांतिपूर्ण ढंग से रह रहे हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहे है। उन्होंने दीपचंद दास नामक एक हिंदू युवक की हत्या कर उसे पेड़ से लटकाकर जिंदा जलाने का जिक्र किया। पूर्वे ने यह भी बताया कि हिंदू लड़कियों को पीटा जा रहा है, उनके घरों में आग लगाई जा रही है और उन पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश सरकार के इस रवैये का घोर विरोध किया। मनीष भगत ने भारत सरकार से अपील की कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोका जाए और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। प्रशांत वर्मा ने इन घटनाओं को जघन्य और अमानवीय बताते हुए भारत सरकार से बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग दोहराई। चाहे वह कुटनिति तरीका हो या राजनीतिक तरीका हो या सैन्य कार्रवाई ही क्यों न तरीका हो हमारे हिन्दू भाइयों को किसी तरिके से बंगलादेश से वापस लाऐ। क्यों की व बंगलादेश में हिन्दु भाई पल पल जी नही रहने है। वह पल पल मर रहे हैं। भारत सरकार हिन्दूओं को वापस भारत लाएं और आश्रय देने की कृपा करें। रिंकू भगत ने कहा कि ये जघन अपराध हो रहे हैं भारत सरकार इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। मौके पर संजय सेन, जीतु सोनी, महिन्द्र शर्मा, कुन्दन विवेक,मंटु पासी, गुड्डू गुप्ता,भरत ठाकुर, सुमीत महतो,कन्हैया दास,रवि, राहुल,माशुम,मेघा,गुंजन, अंजलि आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे। सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिमराही बाजार में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में कैंडल मार्च निकाला गया। यह प्रदर्शन सार्वजनिक दुर्गा मंदिर से शुरू होकर मुख्य चौक स्थित हनुमान मंदिर तक पहुंचा, जहां प्रदर्शनकारियों ने एक मिनट का मौन धारण कर पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और भारत सरकार से कार्रवाई की मांग की। कैंडल मार्च एनएच 27 से होते हुए आगे बढ़ा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘बांग्लादेश मुर्दाबाद’ और ‘बांग्लादेश सरकार व जिहादियों पर कार्रवाई करें’ जैसे नारे लगाए। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की। इस अवसर पर संत अमरजीत ने कहा कि बांग्लादेश में चरमपंथियों और जिहादियों द्वारा हिंदुओं की निर्मम हत्याएं जघन्य अपराध हैं। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि यदि बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं, तो भारत उनके लिए अपने द्वार खोले और वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं को आश्रय देकर उनके जीवन की रक्षा करे। दिलीप पूर्वे ने बताया कि बांग्लादेश में शांतिपूर्ण ढंग से रह रहे हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहे है। उन्होंने दीपचंद दास नामक एक हिंदू युवक की हत्या कर उसे पेड़ से लटकाकर जिंदा जलाने का जिक्र किया। पूर्वे ने यह भी बताया कि हिंदू लड़कियों को पीटा जा रहा है, उनके घरों में आग लगाई जा रही है और उन पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश सरकार के इस रवैये का घोर विरोध किया। मनीष भगत ने भारत सरकार से अपील की कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोका जाए और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। प्रशांत वर्मा ने इन घटनाओं को जघन्य और अमानवीय बताते हुए भारत सरकार से बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग दोहराई। चाहे वह कुटनिति तरीका हो या राजनीतिक तरीका हो या सैन्य कार्रवाई ही क्यों न तरीका हो हमारे हिन्दू भाइयों को किसी तरिके से बंगलादेश से वापस लाऐ। क्यों की व बंगलादेश में हिन्दु भाई पल पल जी नही रहने है। वह पल पल मर रहे हैं। भारत सरकार हिन्दूओं को वापस भारत लाएं और आश्रय देने की कृपा करें। रिंकू भगत ने कहा कि ये जघन अपराध हो रहे हैं भारत सरकार इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। मौके पर संजय सेन, जीतु सोनी, महिन्द्र शर्मा, कुन्दन विवेक,मंटु पासी, गुड्डू गुप्ता,भरत ठाकुर, सुमीत महतो,कन्हैया दास,रवि, राहुल,माशुम,मेघा,गुंजन, अंजलि आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।


