शाजापुर में देव-दानव बने कलाकारों ने निकाला चल समारोह:रात 12 बजे कृष्ण के पुतले की पूजा होगी, गवली समाज करेगा हरण

शाजापुर में देव-दानव बने कलाकारों ने निकाला चल समारोह:रात 12 बजे कृष्ण के पुतले की पूजा होगी, गवली समाज करेगा हरण

शाजापुर में 272 साल पुरानी परंपरा का शुक्रवार रात निर्वहन किया जा रहा है। बालवीर हनुमान मंदिर से शुक्रवार रात 9 बजे चल समारोह शुरू हुआ, जिसमें देव और दानव बने कलाकारों ने रथ पर विराजमान होकर शहर में भ्रमण किया। इस समारोह में कलाकारों ने रूपांकन और वाक्य युद्ध की प्रस्तुतियां दीं। कृष्ण और उनके विरोधियों के बीच काल्पनिक संवादों ने दर्शकों का मन मोह लिया। कलाकारों ने मंच पर उछलकर संवाद प्रस्तुत किए, जिस पर दर्शक तालियों से प्रतिक्रिया देते रहे। प्रस्तुतियों में दमदार संवाद शामिल थे, जैसे “अरे कन्हैया सुन…करते हैं लूट मार हम सिपाही कंस के…” और “अरे मामा…ग्वालों के पीछे कितने ही लग दिया जाए जोर, किंतु तुझसे ना मारा जाएगा ये माखन चोर।” इन नाटकीय संवादों में व्यंग्य, वीरता और हास्य का समन्वय था, जिसका युवा और बुज़ुर्ग दोनों वर्गों ने खूब आनंद लिया। रात बारह बजे कृष्ण के पुतले की पूजा-अर्चना किया जाएगा। उसके बाद गवली समाज के सदस्य पारंपरिक रीति से पुतले को लाठी-डंडों से पुतले का प्रतीकात्मक हरण कर उसे नई सड़क स्थित गवली मोहल्ले लाया जाएगा। जहां पुतले का सिर टांगकर यह संदेश दिया जाएगा कि अत्याचार कितना भी बड़ा हो, अंततः अच्छाई की जीत होती है।

​ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *