जालोर। जिले के जसवंतपुरा क्षेत्र के गजीपुरा गांव में एक सामाजिक पंचायत के दौरान चौधरी समाज के पंच-पटेलों ने फरमान जारी किया कि समाज की महिलाएं और बेटियां कैमरायुक्त मोबाइल फोन उपयोग नहीं करेंगी। इसके लिए उन्हें पाबंद किया गया। निर्णय अनुसार 15 गांव की बहू-बेटियों को 26 जनवरी से कैमरे वाला फोन यूज करने पर बैन रहेगा। इतना ही नहीं सार्वजनिक समारोह से लेकर पड़ोसी के घर पर भी मोबाइल फोन ले जाने पर पाबंदी रहेगी। वह स्मार्ट फोन की जगह की-पैड फोन उपयोग में ले सकेंगी। हालांकि सामाजिक पंचायत के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया।
समाज अध्यक्ष ने सफाई देते हुए कहा कि ये फैसला इसलिए किया गया कि महिलाओं के पास मोबाइल फोन होने से बच्चे इसका उपयोग करते हैं। रविवार को जालोर जिले के चौधरी समाज सुंधामाता पट्टी की गजीपुरा गांव में बैठक हुई थी। 14 पट्टी के अध्यक्ष सुजानाराम चौधरी की अध्यक्षता में यह निर्णय किया गया।
ये भी तर्क शामिल किए
पढ़ाई करने वाली बच्चियों को मोबाइल रखना अगर जरूरी होगा तो वे अपने घर में ही मोबाइल से पढ़ाई करेंगी। शादी समारोह, सामाजिक कार्यक्रम और पड़ोसी के घर पर भी मोबाइल नहीं ले जा सकती।
बैठक में 15 गांवों के ग्रामीण और पंच भी मौजूद थे। 26 जनवरी से कैमरा वाला फोन न रखने का निर्णय लागू होगा।
इनका तर्क
मोबाइल फोनों के संयमित उपयोग की कड़ी में सामाजिक स्तर पर चर्चा के बाद यह निर्णय किया गया था। इस निर्णय का कतई यह मतलब नहीं है कि फोन का उपयोग नहीं किया जाना है। चर्चा में केवल इस तथ्य पर सहमती बनी कि युवा पीढ़ी को फोन के दुरुपयोग से बचाया जाए। – सुजनाराम, अध्यक्ष, चौधरी समाज 14 पट्टी


