छतरपुर जिला अस्पताल में रविवार देर शाम 8 वर्षीय बच्ची के गले में फंसा 5 रुपए का सिक्का बिना ऑपरेशन के निकाल लिया गया। मुगवारी गांव की रहने वाली शिवांगी साहू खेलते समय सिक्का निगल गई थी, जो उसकी आहार नली में अटक गया था। सर्जन डॉ. मनोज चौधरी ने एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल कर महज 2 मिनट में सिक्का बाहर निकाल दिया। बच्ची अब पूरी तरह सुरक्षित है। सिक्का निगलने के बाद बच्ची कुछ भी पी नहीं पा रही थी और उसकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। परिजन उसे तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. मनोज चौधरी ने रबर ट्यूब (यूरिन लाइन) को नाक के रास्ते आहार नली तक पहुंचाया। इसमें हवा भरकर बेहद सावधानी से सिक्के को ऊपर की ओर खिसकाया गया। यह पूरी प्रक्रिया 2 मिनट में संपन्न हुई। सिक्का बाहर निकलते ही परिजनों ने राहत की सांस ली। अब तक 416 सिक्के निकाल चुके हैं डॉक्टर डॉ. चौधरी ने बताया कि वे पिछले कुछ सालों में इसी तकनीक से अब तक 416 सिक्के निकाल चुके हैं। खास बात यह है कि वे इसके लिए कोई शुल्क (Fees) नहीं लेते, बल्कि एक परंपरा के रूप में सिर्फ निकाला गया सिक्का अपने पास रख लेते हैं। दिल्ली और आसपास के जिलों से आते हैं मरीज डॉक्टर ने बताया कि उनके पास सिर्फ छतरपुर ही नहीं, बल्कि पन्ना, सतना, झांसी, महोबा, टीकमगढ़ सहित अन्य राज्यों और दिल्ली से भी मरीज आते हैं। इस तकनीक से बच्चों को बड़े ऑपरेशन और चीरा-टांके के दर्द से बचाया जाता है। अभिभावकों से अपील- बच्चों को सिक्के न दें डॉ. मनोज ने अभिभावकों से अपील की है कि छोटे बच्चों को खेलने के लिए सिक्के बिल्कुल न दें। थोड़ी-सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि समय पर उपचार न मिलने पर यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।


