भागलपुर में आस्था और परंपरा का एक अनोखा और भावनात्मक दृश्य देखने को मिल रहा है। शहर के एसएसपी कार्यालय के समीप स्थित राम-सीता एवं शिव-पार्वती मंदिर में श्रद्धा की एक अलग ही मिसाल सामने आई है। यहां मंदिर के पुजारी पंडित शम्भू झा ठंड के मौसम में भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए ऊनी और गर्म कपड़े अर्पित कर रहे हैं। रोजाना विधिवत पूजा-अर्चना और भोग लगाने के बाद भगवान राम, माता सीता, भगवान शिव और माता पार्वती को गर्म कपड़े पहनाए जा रहे हैं। मंदिर परिसर में भगवान के ऊनी वस्त्रों से सजे विग्रह श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर रहे हैं। भागलपुर समेत आसपास के जिलों में कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। शीतलहर के प्रकोप से सुबह और शाम सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है। लोग अलाव, रजाई और गर्म कपड़ों के सहारे ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है, जिससे ठिठुरन और बढ़ गई है। पुजारी बोले- भगवान भी हमारे परिवार के सदस्य जैसे पुजारी पंडित शम्भू झा ने बताया केजी भगवान हमारे परिवार के सदस्य जैसे ही होते हैं। जैसे हम अपने बच्चों, बुजुर्गों और परिजनों का ख्याल रखते हैं, वैसे ही भगवान का भी ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है। कड़ाके की ठंड में भगवान को गर्म वस्त्र पहनाना हमारी आस्था और परंपरा का हिस्सा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि अपने घरों में स्थापित देवी-देवताओं को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े अर्पित करें। भागलपुर में आस्था और परंपरा का एक अनोखा और भावनात्मक दृश्य देखने को मिल रहा है। शहर के एसएसपी कार्यालय के समीप स्थित राम-सीता एवं शिव-पार्वती मंदिर में श्रद्धा की एक अलग ही मिसाल सामने आई है। यहां मंदिर के पुजारी पंडित शम्भू झा ठंड के मौसम में भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए ऊनी और गर्म कपड़े अर्पित कर रहे हैं। रोजाना विधिवत पूजा-अर्चना और भोग लगाने के बाद भगवान राम, माता सीता, भगवान शिव और माता पार्वती को गर्म कपड़े पहनाए जा रहे हैं। मंदिर परिसर में भगवान के ऊनी वस्त्रों से सजे विग्रह श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर रहे हैं। भागलपुर समेत आसपास के जिलों में कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। शीतलहर के प्रकोप से सुबह और शाम सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है। लोग अलाव, रजाई और गर्म कपड़ों के सहारे ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है, जिससे ठिठुरन और बढ़ गई है। पुजारी बोले- भगवान भी हमारे परिवार के सदस्य जैसे पुजारी पंडित शम्भू झा ने बताया केजी भगवान हमारे परिवार के सदस्य जैसे ही होते हैं। जैसे हम अपने बच्चों, बुजुर्गों और परिजनों का ख्याल रखते हैं, वैसे ही भगवान का भी ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है। कड़ाके की ठंड में भगवान को गर्म वस्त्र पहनाना हमारी आस्था और परंपरा का हिस्सा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि अपने घरों में स्थापित देवी-देवताओं को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े अर्पित करें।


