अहमदाबाद में पुलिस ने बीच सड़क पर महिला को पीटा:आंख पर चोट लगी, आईडी कार्ड गिरने पर भड़का था अफसर; FIR करने पहुंची तो धमकाया

अहमदाबाद में पुलिस ने बीच सड़क पर महिला को पीटा:आंख पर चोट लगी, आईडी कार्ड गिरने पर भड़का था अफसर; FIR करने पहुंची तो धमकाया

अहमदाबाद में पुलिस अफसर ने एक महिला को बीच सड़क पर पीट दिया। महिला की गलती इतनी थी कि उसके हाथ से पुलिस अधिकारी का आईडी कार्ड गिर गया था। इससे भड़के अफसर ने महिला को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि उसकी आंख से खून निकलने लगा। जब महिला इसकी शिकायत लेकर पालडी पुलिस स्टेशन पहुंची, तो स्टेशन इंचार्ज ने महिला को धमकाया। उसकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। हालांकि महिला देर रात तक पुलिस स्टेशन में बैठी रही और शिकायत दर्ज कराई। देखिए इस घटना की 3 तस्वीरें… महिला का नाम बंसारी ठक्कर है। वह शाम 6:30 बजे चौराहे से जा रही थी। इसी दौरान एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने उसे रोका और उसका लाइसेंस मांगा। बंसारी ने उसे लाइसेंस दिखाया। इसके बाद जब बंसारी ने पुलिसकर्मी से किनारे हटने कहा तो वह भड़क गया। वह बंसारी से ऊंची आवाज में बात करने लगा। उसने पुलिसकर्मी से इस व्यवहार पर पूछा- अगर आप पुलिस अधिकारी हैं, तो इस तरह क्यों बात कर रहे हैं। महिला ने उसका आईडी कार्ड मांगा। अधिकारी ने उसे कार्ड दिखाया लेकिन लौटाते वक्त महिला के हाथ से गिर गया। इससे भड़के पुलिसकर्मी ने महिला का हाथ पकड़कर उसकी गाड़ी को लात मारी और कहा कि कार्ड उठाकर मुझे दो। आधी रात तक थाने में बैठी रही पीड़ित महिला पुलिस अधिकारी ने बंसारी को थप्पड़ मारे, जिससे उसकी आंख के ऊपर चोट लगी और खून निकलने लगा। उनके कान और गालों पर भी चोटें आईं। वह पालडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गई। वहां पीएसआई ने उन्हें धमकाया और शिकायत लेने से इनकार कर दिया। बंसारी से कहा गया कि उनके खिलाफ क्रॉस कंप्लेंट दर्ज की जाएगी, जिसके बाद उन्हें बाहर भेज दिया गया।
बंसारी ने रात 11:50 बजे पुलिस स्टेशन में लिखित आवेदन जमा कराया। 2 दिन पहले गृहमंत्री ने कहा था नागरिकों से प्रेमपूर्वक व्यवहार करें यह घटना तब सामने आई है जब दो दिन पहले राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने अहमदाबाद पुलिस को सलाह दी थी कि पुलिसिंग इस तरह से की जानी चाहिए कि अपराधियों के पैर कांपने लगें। अपराधियों के व्यवहार में बदलाव आना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। अहमदाबाद में 18 दिसंबर को खाकी भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा था, मेरा मानना ​​है कि अगर कोई दादा-दादी एक किलोमीटर दूर से आते हैं और पुलिस कांस्टेबल अपनी कुर्सी से उठकर उन्हें पानी पिलाता है, तो शिकायतकर्ता को और ताकत मिलेगी। पुलिस को नागरिकों के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। ————————– ये खबर भी पढ़ें… यूपी पुलिस ने हाथ-पैर तोड़े, कोमा में युवक: इलाज में 12-15 लाख खर्च हुए; पिता बोले- पुलिसवालों को कड़ी सजा मिले दीपावली के अगले दिन 21 अक्टूबर को सिद्धार्थनगर में लोग मूर्ति विसर्जन करने जा रहे थे। कुछ झगड़ा हुआ। 4 पुलिसवालों ने एक युवक को बाइक पर बैठाया। उसे ले जाते हुए सीसीटीवी में कैद हुए। 14 मिनट उसके साथ रहे। से ज्यादा हो गए, युवक का इलाज लखनऊ के मैक्स हॉस्पिटल में चल रहा। उसे होश नहीं आया है। एक तरह से वह कोमा में चला गया है। परिवार का कहना है कि हर दिन 1 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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