भिवानी जिले के लोहारू उपमंडल के सिंघानी गांव में सीएम फ्लाइंग टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। बस स्टैंड के पास अवैध रूप से लकड़ियों का परिवहन कर रही चार पिकअप गाड़ियों को पकड़ा गया। टीम ने इन चारों वाहनों पर करीब सवा दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई पर्यावरण संरक्षण और अवैध लकड़ी कटान पर रोक लगाने के उद्देश्य से की गई। आरा मशीनों तक ले जाई जा रही थी जानकारी के अनुसार, ये पिकअप गाड़ियां राजस्थान से लकड़ियां भरकर लोहारू होते हुए सिंघानी स्थित आरा मशीनों तक ले जाई जा रही थीं। क्षेत्र में लगातार हो रही अवैध लकड़ी कटाई के कारण पेड़ों की संख्या तेजी से घट रही है, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीणों ने इस अवैध कारोबार को पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर खतरा बताया है। गाड़ियों में नंबर प्लेट नहीं लगी बताया गया है कि इन लकड़ियों से भरी अधिकतर गाड़ियों में नंबर प्लेट नहीं लगी होती है। इनके ड्राइवर अक्सर तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं, जिससे सड़क हादसों का खतरा बना रहता है। इन वाहनों के कारण बस स्टैंड और मुख्य सड़कों पर यातायात भी प्रभावित होता है, जिससे स्थानीय लोगों में असुविधा और भय का माहौल रहता है। चारों पिकअप वाहन जब्त किए इस कार्रवाई में सीएम फ्लाइंग टीम से एसआई राकेश, एएसआई विनोद, नवीन ख्यालिया, सुरेंद्र और दिनेश सहित अन्य सदस्य शामिल थे। लोहारू की स्थानीय पुलिस और वन विभाग लोहारू से आरएफओ ओमप्रकाश पिलानिया भी अपनी टीम के साथ मौके पर मौजूद रहे। इस संयुक्त अभियान के तहत चारों पिकअप वाहनों को जब्त कर उनके चालान किए गए। धुंध में अन्य वाहन भागने में कामयाब अधिकारियों ने बताया कि रेड के दौरान कुछ अन्य वाहन घनी धुंध का फायदा उठाकर मौके से फरार होने में सफल हो गए, लेकिन उनके खिलाफ भी जानकारी एकत्र की जा रही है और आगे कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग के आरएफओ ओमप्रकाश पिलानिया ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अवैध लकड़ी कटान और परिवहन के खिलाफ यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा। अवैध लकड़ी कारोबारियों में हड़कंप नियमों का उल्लंघन करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई से क्षेत्र में अवैध लकड़ी कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं पर्यावरण प्रेमियों और ग्रामीणों ने प्रशासन की सख्त कार्रवाई का स्वागत किया है। लोगों का कहना है कि यदि इसी तरह लगातार निगरानी और कार्रवाई होती रही, तो क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर रोक लगेगी और पर्यावरण को भी राहत मिलेगी।


