श्रीगंगानगर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) की ओर से जारी किया गया एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें अधिकारी की ओर से जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को पाबंद किया गया है कि वे किसी भी बच्चे को क्रिसमस पर सांता क्लॉज बनाने या जबरन सांता की ड्रेस पहनने के लिए दबाव नहीं डालें। यदि इस संबंध में कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।
भारत तिब्बत सहयोग मंच की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी को एक शिकायत पत्र ज्ञापन के रूप में सौंपा गया था। मंच के जिला अध्यक्ष सुखजीत सिंह अटवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित किया है। यह दिन साहिबजादों के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रायः देखा जाता है कि कुछ निजी स्कूल संचालक बच्चों पर जबरन क्रिसमस डे मनाने का दबाव डालते हैं। इसी को लेकर जबरन क्रिसमस मनाने का दबाव बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से यह आदेश जारी किया गया।
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी अशोक वधवा ने बताया कि 25 दिसंबर को क्रिसमस भी है और वीर बाल दिवस भी। शैक्षणिक संस्थान अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जारी नोटिस में क्रिसमस डे मनाने पर कोई रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि छात्र-छात्राओं पर अनावश्यक दबाव नहीं डालने के निर्देश दिए गए हैं। यदि छात्र और उनके अभिभावक क्रिसमस मनाने और सांता क्लॉज बनने की अनुमति देते हैं, तो ऐसे आयोजन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। जबरन दबाव बनाने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश शुरू हो जाता है। सभी सरकारी और निजी स्कूलों में छुट्टियां रहती हैं, लेकिन अधिकांश स्कूल संचालक अवकाश से एक दिन पहले ही क्रिसमस पर्व मनाने का कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत तिब्बत सहयोग मंच की ओर से ज्ञापन दिया गया था, जिसके बाद जिला शिक्षा


