भावनगर में वन विभाग के सहायक कंजरवेंटर को पत्नी और दो बच्चों की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी शैलेश खांभला ने तीनों के शव क्वॉर्टर के पास ही गड्ढा खोदकर दफना दिए थे। शैलेष ने इस वारदात को 5 नवंबर को अंजाम दिया था और इसके बाद से ही उनकी गुमशुदगी का नाटक कर रहा था। भावनगर जिले के पुलिस अधीक्षक नितेश पांडे ने बताया कि खंभला के परिवार के सदस्य सूरत में रहते थे और स्कूल की छुट्टियों के चलते भावनगर आए थे और उनके साथ सरकारी क्वार्टर में रह रहे थे। बीते 7 नवंबर को शैलेश खांभला ने पुलिस ने पत्नी नयनाबेन (42), बेटी प्रीता (13) और बेटे भव्य (9) की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई थी। नयनाबेन के मैसेज से शक हुआ
शैलेष ने पुलिस को बताया था कि उसे सिक्युरिटी गार्ड ने बताया था कि तीनों एक ऑटो से कहीं जाते नजर आए थे। लेकिन जब पुलिस ने सिक्युरिटी गार्ड से पूछा तो उसने साफ मना कर दिया कि उसने तीनों को नहीं देखा था। इससे पुलिस को शैलेष पर पहला शक हुआ। इसके बाद नयनाबेन के मोबाइल की जांच की तो उसमें कई मैसेज नजर आए, जो नयनाबेन ने शैलेष को भेजे थे। जब मोबाइल लोकेशन की जांच की गई तो पता चला कि नयनाबेन और शैलेष के मोबाइल की लोकेशन एक ही जगह थी। इससे पुलिस को शक हुआ कि वारदात के बाद शैलेष ने ही नयनाबेन के मोबाइल से खुद को मैसेज भेजे होंगे। इसके बाद पुलिस ने शैलेष के मोबाइल कॉल्स की डिटेल खंगाली तो पता चला कि 7 से 8 नवंबर के बीच एक नंबर पर शैलेष ने कई बार कॉल किए थे। जब उन नंबर से कॉन्टैक्ट किया गया तो पता चला कि वह नंबर वन-विभाग के ही आरएफओ गिरीशभाई वाणिया का था। गिरीशभाई ने पुलिस को बताया कि इस दौरान शैलेष ने उससे क्वॉर्टर के पीछे एक बड़ा गड्ढा करने और फिर भरवाने के लिए कहा था। शैलेष ने बताया था कि एक मरी गाय को दफनाना है। यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने कार्यकारी मजिस्ट्रेट, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के अधिकारियों और पंच गवाहों की उपस्थिति में जमीन की खुदाई कराई तो वहां से तीन शव निकले। तीनों शव शैलेष की पत्नी और दोनों बच्चों के थे। पोस्टमॉर्टम के बाद तीनों शवों का रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस जांच में सामने आया है कि नयनाबेन व बच्चों की हत्या क्वार्टर के अंदर की गई। शवों को घसीटकर घर के पीछे ले जाया गया। अधिकारी ने इस वारदात को क्यों अंजाम दिया। इसे लेकर पुलिस शैलेष से पूछताछ कर रही है। नयनाबेन के पितराई भाई हरेशभाई जेटाणा ने कहा कि “तीन शवों को घर से बाहर निकालकर गड्ढे तक ले जाना, पत्थर बांधना और दफनाना एक व्यक्ति का काम नहीं हो सकता। इसमें और लोग भी शामिल हैं। सभी आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। परिवार ने आरोपी की संपत्ति की भी जांच करने की मांग की है। ————————————- गुजरात से जुड़ी क्राइम की ये खबर भी पढ़ें… 5 सालों ने कुल्हाड़ी से जीजा के पैर काटे, मौत:तीन दोस्तों के साथ मिलकर किया हमला, बीवी-बच्चों से अलग रह रहा था जीजा गुजरात में अमरेली जिले के वडिया तालुका के अरजणसुख गांव में 5 सालों ने 3 दोस्तों के साथ मिलकर अपने 60 वर्षीय जीजा पर जानलेवा हमला कर कुल्हाड़ी से पैर काट दिए, जिसमें इलाज के दौरान वृद्ध की मौत हो गई। वृद्ध अपने रिश्तेदार के यहां था, जहां गुस्साए 5 सालों ने तीन दोस्तों के साथ उस पर हमला कर दिया। पूरी खबर पढ़ें…
फॉरेस्ट-अधिकारी ने की थी पत्नी और दो बच्चों की हत्या:क्वार्टर के पीछे गड्ढा करवाकर तीनों को दफनाया, गुजरात के भावनगर की घटना


