अमेरिका (United States of America) में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन ने H-1B वीज़ा नियमों में जो बदलाव किए हैं, उनकी वजह से सैकड़ों भारतीयों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। कई वीज़ा धारक भारतीय दिसंबर में अपना वर्क परमिट रिन्यू कराने के लिए देश लौटे थे, अब वो यहीं फंस गए हैं। सोशल मीडिया जांच के नियमों का हवाला देते हुए अमेरिकी दूतावास ने उनकी अपॉइंटमेंट रद्द कर दी और महीनों बाद की नई तारीख निर्धारित की है। वीज़ा में हो रही देरी की वजह से माइक्रोसॉफ्ट-गूगल समेत कई कंपनियाँ अपने विदेशी वर्कर्स को देश छोड़कर न जाने की सलाह दे रही हैं।
बढ़ सकती है परेशानी
वीज़ा में देरी के चलते गूगल ने अपने वर्कर्स को अमेरिका से बाहर ना जाने को कहा है। गूगल का कहना है कि अगर वो बाहर जाएंगे तो लंबे वक्त के लिए फंस जाएंगे। माइक्रोसॉफ्ट, एमेजॉन और ऐप्पल ने भी इसी तरह की चेतावनी दी है। ह्यूस्टन स्थित इमिग्रेशन लॉ फर्म रेड्डी न्यूमैन ब्राउन पीसी की पार्टनर एमिली न्यूमैन ने बताया कि उनके ही कम से कम 100 क्लाइंट इस समय भारत में फंसे हुए हैं। ऐसे सैकड़ों या हजारों और भी मामले हो सकते हैं जिससे वीज़ा धारकों की परेशानी बढ़ सकती है।
वीज़ा में क्यों हो रही है देरी?
अमेरिका की नई वीज़ा नीति की वजह से अपॉइंटमेंट को रीशेड्यूल किया जा रहा है। नीति के मुताबिक एजेंसियाँ वीज़ा आवेदकों के सोशल मीडिया बैकग्राउंड की जांच भी कर रही हैं। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह जरूरी है। गौरतलब है कि H-1B वीज़ा पर हजारों भारतीय अमेरिका में काम करने जाते हैं।
लंबा होगा इंतज़ार
15 दिसंबर के बाद तय किए गए सभी वीज़ा इंटरव्यू को बड़े पैमाने पर रद्द कर दिया है, जिससे वीज़ा प्रक्रिया में गंभीर देरी होने की आशंका है। इंटरव्यू रद्द होने की वजह से न सिर्फ वीज़ा मंजूरी का इंतज़ार लंबा होगा, बल्कि अमेरिका में काम पर लौटने की समयसीमा भी आगे खिसक जाएगी।


