भागलपुर में 12वां रंग महोत्सव 20 से 22 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर द्वारा कला केंद्र, लाजपत पार्क में होने वाले इस महोत्सव की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसमें देश के 9 राज्यों के कलाकार शामिल होंगे। महोत्सव की सफलता सुनिश्चित करने के लिए आयोजन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक एसएमएस जूनियर स्कूल, बूढ़ानाथ चौक के प्रांगण में हुई। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ रंगकर्मी महेश राय ने की। बैठक में शहर के कई जाने-माने रंगकर्मी, सांस्कृतिक कार्यकर्ता और आयोजन से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे। इसमें कार्यक्रम की रूपरेखा, मंचन व्यवस्था, कलाकारों के आगमन, तकनीकी तैयारी और सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा की गई। कार्यक्रम निदेशक कपिलदेव रंग ने बताया कि इस बार रंग महोत्सव को भव्य बनाने की पूरी तैयारी है। महोत्सव इस बार पूर्वोत्तर भारत के तीन प्रमुख रंगकर्मियों को समर्पित किया गया है, जिन्होंने भारतीय नाट्य मंच पर विशेष योगदान दिया है। बहुभाषीय नाटक, नृत्य, संगीत और लोक कला की विविध शैलियां मुख्य आकर्षण होंगी तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में बहुभाषीय नाटक, नृत्य, संगीत, रंग जुलूस और लोक कला की विविध शैलियां मुख्य आकर्षण होंगी। आयोजकों के अनुसार, हिंदी, मैथिली, भोजपुरी, बंगला, असमिया, ओड़िया सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं के नाटक मंचित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, शास्त्रीय और लोक नृत्य, समूह गायन, एकल प्रस्तुति और सांस्कृतिक झांकी भी महोत्सव का हिस्सा होंगी। महोत्सव के पहले दिन, 20 दिसंबर को एक रंग जुलूस निकाला जाएगा। इसमें भागलपुर सहित आसपास के जिलों के कलाकार शामिल होंगे, जो शहरवासियों को कला और संस्कृति के संरक्षण का संदेश देंगे। मंचित होने वाले नाटकों का चयन अनुभवी रंगकर्मियों की एक समिति द्वारा किया गया है। इसमें सामाजिक मुद्दे, लोक कथाएं, समकालीन कथानक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित नाटकों को प्राथमिकता दी गई है। आयोजकों का कहना है कि इस रंग महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक भाईचारा और भारतीय रंगमंच को बढ़ावा देना है। भागलपुर में 12वां रंग महोत्सव 20 से 22 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच, भागलपुर द्वारा कला केंद्र, लाजपत पार्क में होने वाले इस महोत्सव की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसमें देश के 9 राज्यों के कलाकार शामिल होंगे। महोत्सव की सफलता सुनिश्चित करने के लिए आयोजन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक एसएमएस जूनियर स्कूल, बूढ़ानाथ चौक के प्रांगण में हुई। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ रंगकर्मी महेश राय ने की। बैठक में शहर के कई जाने-माने रंगकर्मी, सांस्कृतिक कार्यकर्ता और आयोजन से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे। इसमें कार्यक्रम की रूपरेखा, मंचन व्यवस्था, कलाकारों के आगमन, तकनीकी तैयारी और सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा की गई। कार्यक्रम निदेशक कपिलदेव रंग ने बताया कि इस बार रंग महोत्सव को भव्य बनाने की पूरी तैयारी है। महोत्सव इस बार पूर्वोत्तर भारत के तीन प्रमुख रंगकर्मियों को समर्पित किया गया है, जिन्होंने भारतीय नाट्य मंच पर विशेष योगदान दिया है। बहुभाषीय नाटक, नृत्य, संगीत और लोक कला की विविध शैलियां मुख्य आकर्षण होंगी तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में बहुभाषीय नाटक, नृत्य, संगीत, रंग जुलूस और लोक कला की विविध शैलियां मुख्य आकर्षण होंगी। आयोजकों के अनुसार, हिंदी, मैथिली, भोजपुरी, बंगला, असमिया, ओड़िया सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं के नाटक मंचित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, शास्त्रीय और लोक नृत्य, समूह गायन, एकल प्रस्तुति और सांस्कृतिक झांकी भी महोत्सव का हिस्सा होंगी। महोत्सव के पहले दिन, 20 दिसंबर को एक रंग जुलूस निकाला जाएगा। इसमें भागलपुर सहित आसपास के जिलों के कलाकार शामिल होंगे, जो शहरवासियों को कला और संस्कृति के संरक्षण का संदेश देंगे। मंचित होने वाले नाटकों का चयन अनुभवी रंगकर्मियों की एक समिति द्वारा किया गया है। इसमें सामाजिक मुद्दे, लोक कथाएं, समकालीन कथानक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित नाटकों को प्राथमिकता दी गई है। आयोजकों का कहना है कि इस रंग महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक भाईचारा और भारतीय रंगमंच को बढ़ावा देना है।


