परिवार का पेट पालने के लिए 6 साल की उम्र में भैंस चराया। दूध बेचा। ठेले पर काम किया। आज करोड़ों रुपए के मालिक और भोजपुरी स्टार शत्रुध्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव चुनावी मैदान में हैं। दिल्ली में लिट्टी-चोखा बेचने से लेकर भोजपुरी इंडस्ट्री में नाम कमाने वाले खेसारी के कंधे पर 25 साल बाद छपरा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को जीताने की जिम्मेदारी है। क्या भाजपा के गढ़ में खेसारी लाल चुनाव जीत पाएंगे, RJD से उन्हें टिकट मिलने क्या मायने हैं; जानेंगे, आज के बूझे की नाहीं में… सवाल-1ः खेसारी लाल कहां से चुनाव लड़ रहे हैं? जवाबः राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने शत्रुध्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव को सारण जिले की छपरा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। खेसारी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम हैं। पहले वे पत्नी चंदा के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनके कुछ दस्तावेजी दिक्कतों के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला। सवाल-2ः खेसारी के लिए छपरा सीट जीतना आसान या कठिन? जवाबः 50-50 चांस है। 2000 में बिहार से झारखंड अलग होने के बाद छपरा सीट पर 6 चुनाव हुए। इसमें से सिर्फ एक बार RJD जीती है। बाकी 5 बार NDA ने यहां से जीत दर्ज की। ऐसे में इसे NDA का गढ़ कहा जा सकता है। फिर खेसारी के लिए संभावनाएं कैसे…इसे ऐसे समझिए रिटायर्ड प्रिंसिपल और छपरा की राजनीति की समझ रखने वाले नरेंद्र तिवारी बताते हैं, ‘खेसारी की जीत निर्दलीय प्रत्याशी राखी गुप्ता के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। भाजपा ने उनको टिकट नहीं दिया है। इसलिए बागी है। अगर वह मजबूती से लड़ी तो NDA के वोटरों में बंटवारा होगा और खेसारी जीत जाएंगे। अगर NDA एकजुट हुआ तो बहुत टफ लड़ाई है।’ सवाल-3ः खेसारी लाल को टिकट देने के मायने क्या हैं? जवाब- इसके 3 बड़े मायने हैं… 1. खेसारी की पॉपुलैरिटी को भुनाना खेसारी सबसे ज्यादा फैन फॉलोइंग वाले भोजपुरी स्टार हैं। शहर और ग्रामीण एरिया में युवाओं में बड़ी लोकप्रियता है। भोजपुरी बेल्ट महागठबंधन के लिए बहुत खास है…डेटा से समझिए 2. भाजपा के सेलिब्रेटी कार्ड का काउंटर भोजपुरी के करीब-करीब सभी बड़े कलाकार मनोज तिवारी, रविकिशन शुक्ला, दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और पवन सिंह भाजपा में हैं। भाजपा के स्टार प्रचारकों में इनका नाम भी है। पॉलिटिकल एनालिस्ट संजय सिंह कहते हैं, ‘भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले मैथिली ठाकुर और पवन सिंह को साधा। उस मोमेंटम को काउंटर करने के लिए तेजस्वी खेसारी को लेकर आए हैं।’ संजय सिंह सेलिब्रेटी को जोड़ने के पीछे का मकसद बताते हैं… 3. RJD के यादव वोटबैंक को और मजबूत करना सीनियर जर्नलिस्ट सत्यभूषण सिंह कहते हैं, ‘RJD के पास यादव वोटर हैं, लेकिन खेसारी के आने से उनकी एकजुटता और बढ़ेगी। खासकर युवा वोटरों की।’ सत्यभूषण सिंह कहते हैं, ‘फिलहाल भोजपुरी इंडस्ट्री में यादव समाज से आने वाले सभी कलाकारों में खेसारी की अपील ज्यादा है। उनके साथ जुड़ने से युवा वोटरों में मैसेज जाएगा कि पार्टी सिर्फ राजनीति ही नहीं, बाकी अलग-अलग फील्ड के लोगों का भी सम्मान करती है।’ सवाल-4ः कितने भोजपुरी कलाकार चुनाव लड़ रहे हैं? जवाबः 2025 विधानसभा चुनाव में 2 बड़े भोजपुरी कलाकार चुनाव लड़ रहे हैं- RJD से खेसारी लाल यादव और जनसुराज पार्टी से रितेश पांडेय। पवन सिंह के भी भाजपा से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन पत्नी से विवाद के बाद उन्होंने खुद X पर पोस्ट कर अपने को चुनाव से दूर कर लिया। नॉमिनेशन फॉर्म में नाम में गलती होने के कारण एक्ट्रेस सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया। उन्हें चिराग पासवान की पार्टी LJP(R) से मढ़ौरा से टिकट दिया था। सवाल-5ः खेसारी ने टिकट पाकर क्या पवन सिंह को पीछे छोड़ दिया? जवाबः भोजपुरी इंडस्ट्री में पवन सिंह और खेसारी के बीच मनमुटाव की खबरें आती रहती है। दोनों एक-दूसरे के खिलाफ बोलते रहे हैं। इसके साथ-साथ उनके समर्थक भी एक-दूसरे की काफी आलोचना करते हैं। अब जब खेसारी लाल चुनाव लड़ रहे हैं और पवन सिंह सिर्फ प्रचारक बनकर रह गए हैं तो सोशल मीडिया पर दोनों के समर्थक इसे हार-जीत से जोड़कर देख रहे हैं। इसके कारण को समझिए… पवन सिंहः पत्नी के विवाद में कट गया टिकट खेसारी लालः पत्नी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था तो खुद लड़े पॉलिटिकल एनालिस्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘इसमें हार-जीत जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए। थोड़े दिन के लिए किसी का समर्थक खुश हो सकता है। राजनीति में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। चुनावी राजनीति से किसी के स्टारडम पर फर्क नहीं पड़ता है। चूंकि अभी दोनों कलाकारों का लंबा करियर है, इसलिए अभी जज करना ठीक नहीं।’ परिवार का पेट पालने के लिए 6 साल की उम्र में भैंस चराया। दूध बेचा। ठेले पर काम किया। आज करोड़ों रुपए के मालिक और भोजपुरी स्टार शत्रुध्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव चुनावी मैदान में हैं। दिल्ली में लिट्टी-चोखा बेचने से लेकर भोजपुरी इंडस्ट्री में नाम कमाने वाले खेसारी के कंधे पर 25 साल बाद छपरा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को जीताने की जिम्मेदारी है। क्या भाजपा के गढ़ में खेसारी लाल चुनाव जीत पाएंगे, RJD से उन्हें टिकट मिलने क्या मायने हैं; जानेंगे, आज के बूझे की नाहीं में… सवाल-1ः खेसारी लाल कहां से चुनाव लड़ रहे हैं? जवाबः राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने शत्रुध्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव को सारण जिले की छपरा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। खेसारी भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम हैं। पहले वे पत्नी चंदा के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनके कुछ दस्तावेजी दिक्कतों के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला। सवाल-2ः खेसारी के लिए छपरा सीट जीतना आसान या कठिन? जवाबः 50-50 चांस है। 2000 में बिहार से झारखंड अलग होने के बाद छपरा सीट पर 6 चुनाव हुए। इसमें से सिर्फ एक बार RJD जीती है। बाकी 5 बार NDA ने यहां से जीत दर्ज की। ऐसे में इसे NDA का गढ़ कहा जा सकता है। फिर खेसारी के लिए संभावनाएं कैसे…इसे ऐसे समझिए रिटायर्ड प्रिंसिपल और छपरा की राजनीति की समझ रखने वाले नरेंद्र तिवारी बताते हैं, ‘खेसारी की जीत निर्दलीय प्रत्याशी राखी गुप्ता के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। भाजपा ने उनको टिकट नहीं दिया है। इसलिए बागी है। अगर वह मजबूती से लड़ी तो NDA के वोटरों में बंटवारा होगा और खेसारी जीत जाएंगे। अगर NDA एकजुट हुआ तो बहुत टफ लड़ाई है।’ सवाल-3ः खेसारी लाल को टिकट देने के मायने क्या हैं? जवाब- इसके 3 बड़े मायने हैं… 1. खेसारी की पॉपुलैरिटी को भुनाना खेसारी सबसे ज्यादा फैन फॉलोइंग वाले भोजपुरी स्टार हैं। शहर और ग्रामीण एरिया में युवाओं में बड़ी लोकप्रियता है। भोजपुरी बेल्ट महागठबंधन के लिए बहुत खास है…डेटा से समझिए 2. भाजपा के सेलिब्रेटी कार्ड का काउंटर भोजपुरी के करीब-करीब सभी बड़े कलाकार मनोज तिवारी, रविकिशन शुक्ला, दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और पवन सिंह भाजपा में हैं। भाजपा के स्टार प्रचारकों में इनका नाम भी है। पॉलिटिकल एनालिस्ट संजय सिंह कहते हैं, ‘भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले मैथिली ठाकुर और पवन सिंह को साधा। उस मोमेंटम को काउंटर करने के लिए तेजस्वी खेसारी को लेकर आए हैं।’ संजय सिंह सेलिब्रेटी को जोड़ने के पीछे का मकसद बताते हैं… 3. RJD के यादव वोटबैंक को और मजबूत करना सीनियर जर्नलिस्ट सत्यभूषण सिंह कहते हैं, ‘RJD के पास यादव वोटर हैं, लेकिन खेसारी के आने से उनकी एकजुटता और बढ़ेगी। खासकर युवा वोटरों की।’ सत्यभूषण सिंह कहते हैं, ‘फिलहाल भोजपुरी इंडस्ट्री में यादव समाज से आने वाले सभी कलाकारों में खेसारी की अपील ज्यादा है। उनके साथ जुड़ने से युवा वोटरों में मैसेज जाएगा कि पार्टी सिर्फ राजनीति ही नहीं, बाकी अलग-अलग फील्ड के लोगों का भी सम्मान करती है।’ सवाल-4ः कितने भोजपुरी कलाकार चुनाव लड़ रहे हैं? जवाबः 2025 विधानसभा चुनाव में 2 बड़े भोजपुरी कलाकार चुनाव लड़ रहे हैं- RJD से खेसारी लाल यादव और जनसुराज पार्टी से रितेश पांडेय। पवन सिंह के भी भाजपा से चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन पत्नी से विवाद के बाद उन्होंने खुद X पर पोस्ट कर अपने को चुनाव से दूर कर लिया। नॉमिनेशन फॉर्म में नाम में गलती होने के कारण एक्ट्रेस सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया। उन्हें चिराग पासवान की पार्टी LJP(R) से मढ़ौरा से टिकट दिया था। सवाल-5ः खेसारी ने टिकट पाकर क्या पवन सिंह को पीछे छोड़ दिया? जवाबः भोजपुरी इंडस्ट्री में पवन सिंह और खेसारी के बीच मनमुटाव की खबरें आती रहती है। दोनों एक-दूसरे के खिलाफ बोलते रहे हैं। इसके साथ-साथ उनके समर्थक भी एक-दूसरे की काफी आलोचना करते हैं। अब जब खेसारी लाल चुनाव लड़ रहे हैं और पवन सिंह सिर्फ प्रचारक बनकर रह गए हैं तो सोशल मीडिया पर दोनों के समर्थक इसे हार-जीत से जोड़कर देख रहे हैं। इसके कारण को समझिए… पवन सिंहः पत्नी के विवाद में कट गया टिकट खेसारी लालः पत्नी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं था तो खुद लड़े पॉलिटिकल एनालिस्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘इसमें हार-जीत जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए। थोड़े दिन के लिए किसी का समर्थक खुश हो सकता है। राजनीति में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। चुनावी राजनीति से किसी के स्टारडम पर फर्क नहीं पड़ता है। चूंकि अभी दोनों कलाकारों का लंबा करियर है, इसलिए अभी जज करना ठीक नहीं।’


