रायसेन में हिंदू सम्मेलन, कलश यात्रा भी निकली:भारत माता और देवी बनकर बच्चियां शामिल हुईं, महापुरुषों की झांकियों ने आकर्षित किया

रायसेन में हिंदू सम्मेलन, कलश यात्रा भी निकली:भारत माता और देवी बनकर बच्चियां शामिल हुईं, महापुरुषों की झांकियों ने आकर्षित किया

रायसेन के पाटनदेव मां भगवती गार्डन में गुरुवार को हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बस्ती की मातृशक्ति और समाज के लोगों ने पाटनदेव हनुमान मंदिर से मुख्य मार्ग होते हुए भगवती गार्डन तक एक कलश यात्रा निकाली। यात्रा में श्रीधाम वृंदावन से पधारे संत श्री महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री दीनबंधु दास महाराज भी शामिल हुए। सम्मेलन स्थल पर प्रदर्शनियां आकर्षण का केंद्र रहीं। इनमें महापुरुषों की झांकियां, भव्य यज्ञ आहुतियां, प्रांगण में लहराते भगवा पताका, रंगोली, पंच परिवर्तन की प्रदर्शनी, और गौ-उत्पाद प्रदर्शनी प्रमुख थीं। हिंदू सम्मेलन का शुभारंभ संत श्री महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री दीनबंधु दास महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह संपर्क प्रमुख गिरीश जोशी और आयोजन समिति के संयोजक मिथिलेश सोनी, सह संयोजक प्रमोद कांकर, प्रताप पटेल, अशोक सेन सहित अन्य समाज प्रमुखों की उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता की पूजा-अर्चना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। वनवासी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति हुई
इसके बाद बहनों ने सामूहिक वंदे मातरम् गीत का गायन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत रानी दुर्गावती छात्रावास की छात्राओं ने वनवासी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी, संध्या पाठक ने पंच परिवर्तन गीत प्रस्तुत किया। संत श्री महामंडलेश्वर महाराज ने कहा कि त्रेता और द्वापर युग में भगवान श्री राम और कृष्ण ने सामाजिक समरसता के अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने समाज को जात-पात और वर्ग-भेद समाप्त कर संगठित होने की आवश्यकता पर बल दिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को सामाजिक समरसता का आदर्श बताया। भारत माता की सामूहिक आरती के साथ समापन
मुख्य वक्ता गिरीश जोशी ने पंच परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक शिष्टाचार और स्वदेशी जीवनशैली के पालन का आह्वान किया। कार्यक्रम का समापन भारत माता की सामूहिक आरती के साथ हुआ। हिंदू सम्मेलन समिति की ओर से विक्रमसिंह जादौन ने आभार व्यक्त किया।

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