Diwali Heart Health: दिवाली का त्योहार रौशनी और खुशी के साथ-साथ तेज धमाकों वाला भी होता है। हालांकि, जहां पटाखों की आवाज बच्चों और युवाओं के लिए रोमांचक हो सकती है, वहीं यह शोर दिल के मरीजों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। NIH की एक रिपोर्ट के अनुसार, बहुत तेज और लगातार शोर (ध्वनि प्रदूषण) के संपर्क में रहने से हृदय पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि हम सजग रहें और त्योहार को इस तरह मनाएं कि हमारा स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहे।
कितनी तेज होती है पटाखों की आवाज?
ज्यादातर पटाखों की आवाज 130 से लेकर 143 डेसीबल तक पहुंच जाती है, वो भी सिर्फ 4 मीटर की दूरी पर। इतनी तेज आवाज का असर सीधे शरीर के नर्वस सिस्टम पर पड़ता है, जिससे अचानक स्ट्रेस रिस्पॉन्स ट्रिगर हो जाता है। इसका मतलब है कि शरीर तनाव की स्थिति में चला जाता है ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है, और हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।बार-बार या लंबे समय तक ऐसी स्थिति से गुजरने पर दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। और अगर कोई पहले से हृदय रोग से पीड़ित है, तो यह स्थिति हार्ट अटैक तक पहुंचा सकती है।
किन लोगों को होता है सबसे ज्यादा खतरा?
- दिल के मरीज
- हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग
- बुजुर्ग
- गर्भवती महिलाएं
दिवाली पर हार्ट के मरीज ऐसे रखें अपना विशेष ध्यान
- घर के अंदर ही रहें: तेज पटाखों की आवाज से बचने के लिए दिल के मरीजों को घर के अंदर ही रहना चाहिए।
- खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें: बाहरी शोर अंदर न आए, इसके लिए खिड़की और दरवाजों को बंद रखना जरूरी है।
- ईयरप्लग या नॉइज-कैंसलिंग हेडफोन का इस्तेमाल करें: अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो कानों की सुरक्षा के लिए ईयरप्लग या नॉइज-कैंसलिंग हेडफोन पहनें।
- तनाव महसूस होने पर रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं: तेज आवाज या बेचैनी महसूस होने पर ध्यान (मेडिटेशन) या गहरी सांस लेने जैसी तकनीकें अपनाएं।
- ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट मॉनिटर करें: त्योहार के दौरान नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन की जांच करते रहें।
- संकेतों को नजरअंदाज न करें: यदि सीने में दर्द, घबराहट या थकान जैसी कोई असामान्य स्थिति लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


