पूर्व आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा के साले रोहित तिवारी ने कोर्ट से खुद को आरोप-मुक्त करने की मांग की है। इस मामले में कोर्ट 10 जनवरी को फैसला दे सकता है। रोहित के वकील ने कहा है कि ईडी अपनी चार्जशीट में सौरभ शर्मा और रोहित तिवारी के बीच व्यवसायिक लेन-देन में गड़बड़ी साबित नहीं कर पाई। इससे पहले कोर्ट ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को आरोपमुक्त करने की याचिका खारिज कर दी थी। जबलपुर में रहने वाले सौरभ शर्मा के साले रोहित तिवारी और उसकी पत्नी समेत सौरभ की पत्नी, मां, चेतन, शरद समेत अन्य को ईडी ने आरोपी बनाया है। रोहित तिवारी को आरोप-मुक्त करने के आवेदन पर सोमवार को अपर जिला न्यायाधीश की कोर्ट में सुनवाई हुई। वकील बोले- रोहित की कमाई में अनियमितता नहीं पाई गई इस सुनवाई में सौरभ के साले रोहित को आरोप मुक्त करने की मांग रोहित के वकील आकाश तैलंग ने की। इस दौरान उन्होंने कोर्ट को बताया कि सौरभ और रोहित के बीच व्यवसायिक संबंध की पुष्टि ईडी नहीं कर पाई गई है।रोहित की कमाई में अनियमितता नहीं पाई गई है। उन्होंने कहा कि सौरभ के सभी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन और बैंक अकाउंट की जानकारी ईडी को शेयर की गई है, जिसमें कोई भी ट्रांजैक्शन रोहित तिवारी और सौरभ शर्मा के बीच नहीं मिला है। ईडी ने सिर्फ इसलिए आरोपी बनाया है, क्योंकि रोहित रिश्तेदार है। इस पर ईडी आपत्ति जताई है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने ऑर्डर रिजर्व रखा है और 10 जनवरी को फाइनल सुनवाई कर फैसला देने को कहा है। इसके पहले सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल की ओर से भी कोर्ट से आरोप मुक्त किए जाने की याचिका लगाई जा चुकी है। जिसे कोर्ट खारिज कर चुका है। कोर्ट से रिमांड पर लेकर ईडी ने की थी पूछताछ ईडी ने सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल की इसी साल जनवरी में गिरफ्तारी के बाद कोर्ट से उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी और चल अचल संपत्ति जब्त करने के साथ बैंक खातों को फ्रीज करने की कार्रवाई की थी। इसके बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया।


