MP News Cough Syrup Case: सरकार ने राज्य स्तरीय नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर समिति का नए सिरे से गठन किया है। इसका काम जहरीली दवाओं पर नजर रखना और ड्रग के अवैध कारोबार पर सख्त कार्रवाई कराना है। समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव अनुराग जैन होंगे। अन्य विभागों व एजेंसियों के एसीएस, पीएस और प्रमुखों को सदस्य बनाया है। कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को मुख्य रूप से शामिल किया है।
समिति को सरकार ने विभागों, एजेंसियों, राज्यों के मध्य नीतिगत विषयों पर नए सिरे से समन्वय बनाने की जिमेदारी दी है। क्षेत्रीय स्तर पर उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए तंत्र को प्रभावी बनाने को कहा है।
जांच के बाद ही एमपी में बिक सकेंगी बाहरी दवाएं
प्रदेश में लॉन्च होने वाली नई दवाओं की जांच के लिए अब सरकार ने नियमों में बदलाव के लिए केंद्र को लिखा है। दरअसल जिस प्रदेश में उत्पादन हो रहा है, वहीं से लाइसेंस लेना होता है। वहीं की एजेंसी दवाओं की जांच करती है। इसके बाद दवा देश में बिना रोक-टोक बिकती है। कोई नई दवा या कॉम्बिनेशन की प्रदेश को जानकारी नहीं दी जाती। अनुमति की भी जरूरत नहीं होती। इस कारण सभी की जांच नहीं हो पाती है।
दवा के लिए बदले जाएंगे सरकारी नियम
यह खामी सामने आने के बाद एमपी सरकार ने नियमों में बदलाव कर स्टेट की ड्रग लायसेंसिंग अथॉरिटी को भी पावर देने की मांग की है। दरअसल, तमिलनाडु में बने जिस बैच का कोल्ड्रिफ जबलपुर के स्टॉकिस्ट के जरिए छिंदवाड़ा भेजा गया उसी बैच की दवा ओडिशा और दमन दीव भी भेजी गई थी। इसकी प्रारंभिक जांच कहीं नहीं हुई। ऐसे में राज्य सरकार ने प्रदेश के ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को भी इस संबंध में शक्तियां देने की मांग केंद्र सरकार से की है। इससे सभी दवाओं की जानकारी ड्रग अथॉरिटी को मिलेगी। जांच के बाद ही प्रदेश में बिक सकेंगी।
गुजरात में भी एक्शन
अफसरों ने बताया, गुजरात की दो कंपनियों के सिरप में भी प्रतिबंधित कंटेंट पाया गया था। हालांकि मात्रा कम थी। वहां की ड्रग अथॉरिटी को सूचना भेजी तो कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। फैट्री सील कर जांच की जा रही है।


